हरियाणा में MBBS के स्टूडेंट्स के लिए फ़ीस बढ़ोतरी और बांड पॉलिसी को लेकर विरोध रोहतक से बाद अब दूसरे ज़िलों में भी होने लगा है। भिवानी में शनिवार को विभिन्न सामाजिक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसे ग़लत बताया और सरकार से इसे वापस लेने की मांग की। सामाजिक संगठनों ने कहा कि आज़ाद देश में नागरिकों को किसी भी नियम से बांधा नहीं जा सकता। प्रदर्शन के बाद प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया।
बता दें कि हरियाणा सरकार ने MBBS करने वाले छात्र छात्राओं की हर साल 10 लाख रुपए फीस की गई है। हरियाणा में ही नौकरी करने की बॉंड पॉलिसी भरवाई जा रही है। इसका विरोध सबसे पहले रोहतक में मेडिकल कॉलेज से शुरू हुआ। विरोध करने वाले छात्र छात्राओं पर बल प्रयोग भी हुआ। जिसके बाद सरकार के इस फ़ैसले का दूसरे ज़िलों में भी विरोध शुरू हो गया है।
भिवानी में प्रदर्शन करते हुए विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता।
भिवानी में शनिवार को ज्ञान विज्ञान समिति, रिटायर्ड कर्मचारी संघ और किसान संगठनों ने धरना प्रदर्शन कर सरकार के इस फ़ैसले का विरोध किया। संगठनों ने रोहतक में MBBS करने वाले छात्र छात्राओं पर हुये बल प्रयोग की निंदा की।
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे रिटायर्ड अध्यापक वजीर सिंह व किसान नेता ओमप्रकाश ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट कहता है कि शिक्षा पैसे में बेचने या लाभ कमाने की चीज नहीं। पर हरियाणा सरकार के इस फ़ैसले से MBBS की हर सीट पैसे वालों के लिए रिज़र्व हो जाएगी और गरीब, किसान व मज़दूरों के बच्चे इससे वंचित हो जाएंगे।
उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल द्वारा बॉंड पॉलिसी MBBS करने वाले बच्चों को हरियाणा में नौकरी करने के लिए रोकने को लेकर दिये बयान को अलोकतांत्रिक बताया और कहा कि भारत 1947 से आज़ाद देश है और आज़ाद देश के नागरिकों को किसी भी पॉलिसी से बांधा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि चुनाव आने दो, जनता बता देगी कि पढ़ाई व चिकित्सा महँगी करना का होता है।