Facebook-WhatsApp Deal: सोशल नेटवर्किंग कंपनी फेसबुक (अब मेटा) ने करीब आठ साल पहले मैसेजिंग ऐप वाट्सऐप (WhatsApp) को खरीदने का सौदा किया था. अब वाट्सऐप के तत्कालीन चीफ बिजनेस ऑफिसर नीरज अरोड़ा इस फैसले को लेकर पछता रहे हैं. नीरज अरोड़ा ने इसे लेकर ट्वीट्स की एक सीरीज जारी की है जिसमें उन्होंने लिखा है कि उन्होंने फेसबुक के साथ 2200 करोड़ डॉलर के सौदे को पूरा करने में मदद की थी और अब उन्हें इसे लेकर पछतावा हो रहा है.
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इसलिए हो रहा पछतावा
अरोड़ा के मुताबिक जब फेसबुक के साथ सौदा हो रहा था तो वाट्सऐप ने अपना स्टैंड रख दिया था कि यूजर्स के डेटा की माइनिंग नहीं होगी, कभी भी कोई विज्ञापन नहीं दिया जाएगा और क्रॉस-प्लेटफॉर्म ट्रैकिंग नहीं होगी. अरोड़ा का कहना है कि फेसबुक और उनकी मैनेजमेंट टीम इस पर सहमत दिखी लेकिन ऐसा हुआ नहीं. 2018 में फेसबुक-कैंब्रिज एनालिटिका स्कैंडल सामने आने के बाद वाट्सऐप के को-फाउंडर Brian Acton ने फेसबुक को डिलीट करने को लेकर एक ट्वीट किया था कि अब इसी का समय आया है. अरोड़ा ने कहा कि उन्होंने वाट्सऐप को जिस लक्ष्य के साथ तैयार किया था, अब यह उसकी छाया भर रह गया है.
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साझेदारी के रूप में था फेसबुक का प्रस्ताव
अरोड़ा ने ट्वीट में लिखा है कि वाट्सऐप की शुरुआत वर्ष 2009 में Jan Koum और Brian Acton ने की थी और दो साल बाद उन्होंने चीफ बिजनेस ऑफिसर के तौर पर टीम को ज्वाइन किया. इसके बाद 2012-13 में जुकरबर्ग और फेसबुक ने अधिग्रहण का प्रस्ताव रखा था लेकिन यह ऑफर आगे नहीं बढ़ पाया. लेकिन वर्ष 2014 में फेसबुक ने ऐसा प्रस्ताव रखा जो पार्टनरशिप की तरह का था जैसे कि एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन को पूरा सपोर्ट, कभी भी कोई विज्ञापन नहीं, प्रोडक्ट के फैसले पर पूर्ण स्वतंत्रता, Koum को बोर्ड में जगह और माउंटेन व्यू में ऑफिस इत्यादि.