Facebook twitter wp Email affiliates तीन साल में ये स्टार्टअप कमाने लगा सालाना 100 करोड़ रुपये, जानें देश में कितने हैं यूनिकॉर्न

281
Advertisement

नई दिल्ली,। पिछले कुछ वर्षों में स्टार्टअप तेजी से बढ़े हैं। 2021 में अकेले भारत में 50000 से अधिक नए स्टार्टअप थे। इनमें से बहुत सी कंपनियां अपने उत्पादों और सेवाओं से दुनिया पर प्रभाव डाल रही हैं।

SEE MORE:

हालांकि, स्टार्टअप की राह आसान नहीं होती है, खासकर ऐसे देश में जहां लोगों की बैंकिंग तक पहुंच काफी कम हो। भारत सरकार नई योजनाओं और नीतियों को पेश करके इसे हल करने की कोशिश कर रही है। लेकिन, सरकार के लिए भी दूरदराज के गांवों में उन सभी लोगों तक पहुंचना मुश्किल है, जो बैंक शाखा या एटीएम से जुड़े नहीं हैं। यहीं से Spay इंडिया जैसे स्टार्ट-अप काम आते हैं।

Spay इंडिया की स्थापना सीईओ और संस्थापक निखिलेश तिवारी तथा सीओओ और कोफाउंडर सुनील धवन ने 2018 में की थी। वे लंबे समय से ग्रामीण बैंकिंग को लेकर काम कर रहे हैं। संस्थापक ग्रामीण भारत में पैदा हुए और पले-बढ़े और वे उन लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों से अवगत थे, जिनके पास बैंकिंग सुविधाओं तक पहुंच नहीं है। उनका उद्देश्य ग्रामीण आबादी को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करना और उनके लिए बैंकिंग को आसान बनाना था। कंपनी तब से तेजी से बढ़ रही है और अब इसका वार्षिक राजस्व 100 करोड़ रुपये है।

दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा यूनिकॉर्न हब भारत

ओरियोस वेंचर पार्टनर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय स्टार्टअप्स ने 2021 में 42 अरब डॉलर जुटाए हैं, जो इससे पिछले साल के 11.5 अरब डॉलर से ज्यादा है। ‘द इंडियन टेक यूनिकॉर्न रिपोर्ट 2021’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने अकेले 2021 में 46 यूनिकॉर्न (1 बिलियन डॉलर वैल्यूएशन वाली कंपनियां) बनीं, जिससे देश में यूनिकॉर्न की कुल संख्या दोगुनी होकर 90 हो गई है। इनमें शेयरचैट, क्रेड, मीशो, नज़ारा, मोग्लिक्स, एमपीएल, ग्रोफर्स (अबा ब्लिंकिट), अपग्रेड, मामाअर्थ, ग्लोबलबीज, एको, स्पिनी और अन्य शामिल हैं।

भारत में 90 यूनिकॉर्न हैं, अमेरिका में 487 और चीन में 301 यूनिकॉर्न हैं। इसके साथ ही, यूनिकॉर्न के मामले में भारत का तीसरा स्थान है, भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा यूनिकॉर्न हब है।

Advertisement