प्राइवेट अस्‍पताल में सस्ती हुई कोरोना वैक्सीन, जानिए कोवैक्सीन के लिए अब कितने कम देने होंगे दाम

Covishield and Covaxin prices:

कोरोना वैक्सीन बनाने वाली दो दिग्गज कंपनियों सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और भारत बॉयोटेक (Bharat Biotech) ने एक बड़ा फैसला लिया है. कंपनियों के इस फैसले से आम आदमी की जेब का बोझ कम होगा. दरअसल, कोविशील्ड और कोवैक्सीन की तीसरी डोज के लिए दाम कम कर दिए गए हैं. कंपनियों द्वारा यह फैसला सरकार के कहने पर लिया गया है.

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न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कंपनियों ने कीमत में कटौती करते हुए 225 रुपये प्रति खुराक करने की घोषणा की है. नई कीमत निजी अस्पतालों में आपूर्ति की जाने वाली एहतियाती खुराकों पर ही लागू होगी. टीका विनिर्माताओं ने सरकार के साथ चर्चा के बाद कीमतों में कटौती करने की घोषणा की है. पहले इसकी कीमत 600 रुपये थी.

कोविशील्ड टीका बनाने वाली कंपनी एसआईआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आदर पूनावाला ने एक ट्वीट में कहा कि निजी अस्पतालों के लिए कोविशील्ड टीके की एक खुराक की कीमत को 600 रुपये से घटाकर 225 रुपये करने का फैसला किया गया है. इसी तरह स्वदेशी स्तर पर कोवैक्सीन टीका बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक की सह-संस्थापक एवं संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा ईला ने एक ट्वीट में कहा कि केंद्र सरकार के साथ परामर्श के बाद निजी अस्पतालों को आपूर्ति की जाने वाली कोवैक्सीन खुराक की कीमत को 1,200 रुपये से घटाकर 225 रुपये किया जा रहा है.

बड़े पैमाने पर मुहैया कराए गए टीके

केंद्र सरकार की तरफ से देशव्यापी स्तर पर चलाए जा रहे कोविड-रोधी टीकाकरण अभियान में एसआईआई और भारत बायोटेक की तरफ से बड़े पैमाने पर टीके मुहैया कराए गए हैं. इन दोनों कंपनियों का निजी अस्पतालों में लगाए जाने वाले कोविड टीके की एक खुराक की कीमत में बड़े पैमाने पर कटौती करने का फैसला एहतियाती खुराक लगाने के सरकार के फैसले को देखते हुए अहम है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक दिन पहले की थी यह घोषणा

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक दिन पहले ही घोषणा की थी कि 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को 10 अप्रैल से एहतियाती खुराक लगाई जाएगी. यह खुराक उन्हीं लोगों को लगेगी जिन्हें कोविड टीके की दूसरी खुराक लिए हुए नौ महीने पूरे हो चुके हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अभी तक 15 साल से अधिक उम्र के करीब 96 फीसदी लोगों ने कोविड टीके की कम-से-कम एक खुराक ले ली है जबकि दोनों खुराक लेने वाले लोगों की संख्या करीब 83 फीसदी है.

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