Car Warranty सीमित अवधि के लिए लागू होती है। वाहन निर्माता आपको गारंटी देता है कि कार पूरी तरह से ठीक है। इसके साथ ही यह एक कानूनी वादा है कि कार के पूर्जो में कोई खराबी होने की स्थिति में कंपनी इसे फ्री में सही करेगी।
Car Warranty Vs Insurance : जब भी आप कार खरीदते हैं, तो आपके पास एक वारंटी पेपर और एक इंश्योंरेस का पत्र होता है। आप जानते हैं, कि वारंटी वाहन निर्माता द्वारा दी जाती है, जबकि बीमा कंपनी द्वारा कराया जाता है। कार की पूरी सुरक्षा के लिए कार मालिक को इन दोनों की आवश्यकता होती है, लेकिन आपको इन दोनों के बीच सटीक अंतर जानने की जरूरत है। कि कार की वारंटी और इंश्योरेंस किस प्रकार एक कार मालिक के लिए काम करते हैं। तो आइए बताते हैं दोनों में क्या है अंतर
एक कार की वारंटी सीमित अवधि के लिए लागू होती है। वाहन निर्माता आपको गारंटी देता है कि कार पूरी तरह से ठीक है। इसके साथ ही यह एक कानूनी वादा है कि कार के पूर्जो में कोई खराबी होने की स्थिति में कंपनी इसे फ्री में सही करेगी। कार वारंटी उस दिन से शुरू होती है जिस दिन कार को रोल आउट किया जाता है। कंपनी आपको वारंटी के माध्यम से आश्वासन देती है कि जब तक आप इसे चलाते हैं तब तक कार बिना किसी मैन्युफैक्चिरिंग दोष के सामान्य रूप से काम करेगी।
कुल मिलाकर वारंटी मालिक या ड्राइवर की ओर से लापरवाही से उत्पन्न होने वाले किसी भी दोष को कवर नहीं करती है। वारंटी में सिर्फ इंजन, इलेक्ट्रिकल पार्ट्स, गियर्स जैसे कई अन्य पार्ट्स शामिल हैं। आम तौर पर वारंटी कार के बाहरी पार्ट को कवर नहीं करती है। वहीं अगर यदि आप चाहे तो कुछ भुगतान कर वारंटी एक्स्टेंड भी करा सकते हैं।
Car Insurance
कार बीमा की तुलना जीवन बीमा से की जाती है। कोई भी बीमा पॉलिसी कारों के मामले में सड़क पर दुर्घटनाओं से होने वाले संभावित वित्तीय नुकसान को संभालती हैं। सड़क पर कार चलाते समय यह क्षतिग्रस्त हो सकती है, या कोई व्यक्ति कार से टकरा सकता है। जिसका पूरी जिम्मा कार इंश्योरेंस उठाता है। दुर्घटना की स्थिति में पीड़ित को बीमाकर्ता द्वारा भुगतान किया जाता है। कार बीमा चोरी, क्षति आदि को कवर करता है। इसके साथ ही कार बीमा बीमाकृत कार की वजह से दुर्घटना की चपेट में आए व्यक्ति के मुआवजे को भी कवर करता है।