ईश्वरीय प्रेम के बिना मानव जीवन का कल्याण संभव नहीं: अरविंद शास्त्री

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श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कथा व्यास अरविंद शास्त्री
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कथा में सुनाया भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का वर्णन

सफीदों, (एस• के• मित्तल) : नगर के श्री गीता मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कथा व्यास अरविंद शास्त्री (चित्रकूट धाम) ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की सुन्दर कथा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान भक्तों के वश में हैं। भगवान हमेशा अपने भक्तों का ध्यान रखते हैं। जब-जब धरती पर पाप व अनाचार बढ़ता है, तब-तब भगवान श्रीहरि धरा पर किसी न किसी रूप में अवतार लेकर भक्तों के संकट को हरते हैं। जब कंस के पापों का घड़ा भर गया तब भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लेकर कंस का अंत किया और लोगों को पापी राजा से मुक्ति दिलाई। उन्होंने कहा कि जो प्राणी अपने आराधना के पुष्प प्रभु श्रीकृष्ण के चरणों में अर्पित करता है अर्थात् जो श्रीकृष्ण की शरणागत है वह सदा अभयत्व पूर्ण जीवन जीकर मुक्ति का अधिकारी बनता है। उसके रोग, शोक, दुःख, द्ररिदता एंव विपदाओं का हरण हो जाता है।
कथा में मौजूद श्रद्धालुगण

शास्त्री ने कहा कि भागवत तो साक्षात भगवान का स्वरुप है। इसके ज्ञान मात्र से ही मानव धन्य हो जाता है। वास्तविक व्यक्ति तो वही है जो इसके गुणों को अपनाता है। श्रीमद्भागवत में भगवान ने कहा कि जब मनुष्य में अहम हो जाएं वहां मेरा दर्शन नहीं हो सकता। ईश्वरीय प्रेम के बिना मानवीय जीवन का कल्याण नहीं हो सकता। उन्होनें कहा धन का लालच मनुष्य को अंधा बना देता है इससे सबसे उपर उठकर श्रीकृष्ण की कृपा पात्र बनों। उन्होनें कहा श्रीमदभागवद कथा मनुष्य को सन्मार्गी बनने की प्रेरणा देती है, यह आत्मा से परमात्मा का मिलन कराते हुए ईश्वरीय शक्ति का साक्षात्कार कराती है। कथा के दौरान श्रीकृष्ण जन्म के दौरान नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की गगनभेदी जयकारों से कथा स्थल गुंज उठा। इस दौरान श्री कृष्ण जन्म से जुड़े भजनों को सुनकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो थिरकने को मजबूर हो गए। श्रीकृष्ण जन्म के दौरान श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरित किया गया।

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