श्रीमद् भागवत श्रवण से व्यक्ति का लोक और परलोक दोनों संवर जाते हैं : विजयपाल सिंह

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एडवोकेट विजयपाल सिंह को सम्मानित करते हुए कथा व्यास शिवाकांत शुक्ल व आयोजक समिति के पदाधिकारीगण
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सफीदों (एस• के• मित्तल) : सफीदों शहर स्थित प्राचीन शिव मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में बतौर मुख्यातिथि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सदस्य एडवोकेट विजयपाल सिंह ने शिकरत की। कथा व्यास शिवाकांत शुक्ल महाराज का माल्यार्पण करके एडवोकेट विजयपाल सिंह ने आशीर्वाद प्राप्त किया। वहीं आयोजक समिति ने एडवोकेट विजयपाल सिंह को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर श्रद्धालु भक्ति गीतों पर जमकर झूमे। अपने संबोधन में कथा व्यास शिवाकांत शुक्ल महाराज (श्री चित्रकूट धाम) ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा सुनने से मनुष्य का आध्यात्मिक विकास और भगवान के प्रति भक्ति गहरी होती है। श्रीमद् भागवत कथा स्वयं की प्रकृति और परम वास्तविकता के बारे में सिखाती है। श्रीमद् भागवतम् को नियमित रूप से सुनने और पढ़ने से व्यक्ति को आध्यात्मिक सुधार महसूस हो सकता है, क्योंकि यह हृदय को शुद्ध करता है और पारलौकिक ज्ञान देता है। जब भक्तों के अंदर विश्वास, अनुराग और समर्पण का भाव होता है, तब ईश्वर क्षण भर भी भक्तों को प्रतीक्षा नहीं कराते और भक्त को दर्शन देते हैं। अपने संबोधन में एडवोकेट विजयपाल सिंह ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का रसपान जीवन को धन्य बना देता है। श्रीमद भागवत सुनने का लाभ भी कई जन्मों के पुण्य से प्राप्त होता है। श्रीमद् भागवत कथा मनुष्य को जीवन जीने की कला सिखाती है। सत्संग का मनुष्य के जीवन में बड़ा महत्व है। भगवान भक्तों के वश में हैं। भगवान हमेशा अपने भक्तों का ध्यान रखते हैं। भगवान के चरित्र के श्रवण से व्यक्ति का लोक और परलोक दोनों सुधर जाते हैं। श्रीमद्भागवत के श्रवण मात्र से जीव के सभी पापों का नाश हो जाता है और उसकी संसार में बार-बार के आवागमन कुचक्र से मुक्ति हो जाती है।

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