जींद : भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों को तत्काल और प्रभावी चिकित्सा सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से कैशलेस उपचार योजना शुरू की है। इस योजना के तहत किसी भी सड़क दुर्घटना पीड़ित को ₹1,50,000 तक का मुफ्त इलाज प्रदान किया जाएगा। यह सुविधा दुर्घटना के दिन से लेकर 7 दिनों तक उपलब्ध होगी। अतिरिक्त उपायुक्त विवेक आर्य ने इस योजना को लेकर संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। बैठक में एसडीएम सत्यवान मान, आरटीए गिरीश कुमार, डिप्टी सीएमओ पालेराम कटारिया, एडीटीओ संजीव कुमार और रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव रवि हूडा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। योजना के तहत जिले के 23 सरकारी अस्पताल और 18 निजी अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध किए गए हैं। इनमें नागरिक अस्पताल, एसडीएच सफीदों, सीएचसी जुलाना, सरस्वती आई केयर सेंटर, मीनाक्षी जैन हॉस्पिटल, गोयल ऑर्थोपेडिक सेंटर और आस्था हॉस्पिटल शामिल हैं। सभी सूचीबद्ध अस्पतालों को समय पर और गुणवत्ता युक्त चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पीड़ितों को निकटतम सूचीबद्ध अस्पताल में शीघ्र पहुंचाने के लिए 112 हेल्पलाइन सेवाओं का उपयोग किया जा सकता है । इसके अलावा एक डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है, जो पुलिस और अस्पतालों के बीच समन्वय स्थापित करेगा। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से पीड़ित की पहचान, इलाज और पूरी प्रक्रिया को सुगम बनाया जाएगा। यह योजना सरकार की सड़क सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों को समय पर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराना, उनकी जान बचाना और स्वास्थ्य स्थिति में सुधार करना है। यह पहल न केवल पीड़ितों को राहत प्रदान करेगी बल्कि सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मृत्यु दर को भी कम करने में सहायक होगी।
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