हरियाणा विधानसभा की आश्वासन समिति ने किया मुआना गांव का दौरा दौरे से पूर्व समिति ने की सफीदों के लोक निर्माण विश्राम गृह में अधिकारियों के साथ बैठक

मुख्यमंत्री महाग्राम योजना में सफीदों का सबसे बड़ा गांव मुआना हुआ था शामिल
सारे मामले की जांच रिपोर्ट विधानसभा को सौंपी जाएगी: चेयरमैन बीबी बतरा

एस• के• मित्तल   
सफीदों,   मुख्यमंत्री महाग्राम योजना में शामिल सफीदों हलके के सबसे बड़े गांव मुआना का हरियाणा विधानसभा की आश्वासन समिति ने वीरवार को दौरा किया। टीम की अगुवाई समिति के चेयरमैन एवं विधायक भारतभूषण बतरा ने की। इसके अलावा उनके साथ सफीदों के विधायक सुभाष गांगोली, नूंह के विधायक आफताब अहमद, बरौदा हलका के विधायक इंदूराज नरवाल, इसराना हलका के विधायक बलबीर बाल्मीकि व जुलाना हलका के जेजेपी विधायक अमरजीत ढांढा मौजूद रहे।
इसके अलावा संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण भी मौजूद रहें। गांव के दौरे से पूर्व यह समिति सफीदों के रैस्ट हाऊस में पहुंची। इस अवसर पर सफीदों के एसडीएम मनीष कुमार फोगाट भी विशेष रूप से मौजूद रहे। रैस्ट हाऊस में समिति के चेयरमैन व सदस्यों ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मीटिंग की। समिति ने अधिकारियों से बातचीत करके गांव में होने वाले या हुए कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल की। उसके उपरांत समिति गांव मुआना में पहुंची। गांव में पहुंचने पर समिति के चेयरमैन भारतभूषण बतरा एवं अन्य विधायकों ने ग्रामीणों ने बातचीत की। जिस पर ग्रामीणों ने समिति को बताया कि महाग्राम योजना में शामिल होने से इस गांव को विकास की उम्मीद जगी थी लेकिन आज पूरा गांव अपने आप को बेइज्जत समझ रहा है।
इस योजना के कारण गांव विकास नहीं विनाश के कगार पर खड़ा हो गया है। गांव में आई करोड़ों रूपए की विकास राशी में भारी घोटाला हुआ है। गांव की सारी गलियां उखड़ी पड़ी है और गलियों में पानी व कीचड़ जमा हो गया है। गांव में जो सिवरेज बिछाए गए है उसमें बेहद घटिया सामग्री का प्रयोग हुआ है। सीवरेज के पाईपों को सीधा मिट्टी पर बिछा दिया गया है। उसमें नीचे कोई बैड नहीं बनाया गया है और ना ही कोई सहीं से लेवल किया गया है। गांव के लोग लिकेज के कारण गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। गांव के हालत ये है कि गांव को कोई रास्ता साफ-सुथरा नहीं बचा है। गांव के मुख्य मार्ग पर बच्चों का स्कूल है, हर रोज बच्चे टूटे रास्तों पर गिर रहे है। कई गलियों में तो उन्होंने खुद कच्ची ईंट का रोड़ा डालकर निकलने का मार्ग बनाया है। ग्रामीणों ने बताया कि वे गांव की समस्या को लेकर शासन प प्रशासन के पास गुहार लगा चुके है लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। गांव के विकास में हुए घोटालों की सारी वीडियो सबूत के तौर पर उनके पास है। अब गांव में यह आश्वासन समिति पहुंची है। अब देखते हैं कि गांव के कुछ हालात सुधरते हैं या नहीं। आश्वासन समिति के सदस्य सफीदों के विधायक सुभाष गांगोली, बरौदा हलका के विधायक इंदूराज नरवाल व इसराना के विधायक बलबीर बाल्मीकि ने कहा कि गांव के दौरे के उपरांत पाया कि गांव की स्थिति बहुत बुरी है, जबकि यह सफीदों हलके का सबसे बड़ा गांव है।
गांव में विकास नाम की कोई चीज नहीं है। ना सिवरेज और ना कोई गली ठीक से पाई गई। गांव के स्कूल का रास्ता ही ठीक नहीं है तो ऐसे में अंदाजा लगा सकते हैं कि सरकार क्या कर रही है। इस गांव के दौरे के उपरांत ऐसा प्रतीत होता है कि इस गांव में आकर विकास कहीं ना कहीं बुढ़ा हो गया है। महाग्राम योजना में इस गांव को शामिल जरूर किया गया लेकिन गांव के हालात बद से बदतर हो गए है। गांव में जो कार्य होने चाहिए थे वे काफी लेट है और जो काम हुआ है उसे पूर्णता को प्राप्त नहीं किया है। तीनों विधायकों ने कहा कि वे इस मामले की गंभीरता से जांच करेंगे और किसी भी दोषी को बख्सा नहीं जाएगा। वहीं सतारूढ़ भाजपा की सहयोगी पार्टी जेजेपी के विधायक अमरजीत ढांडा ने कहा कि गांव के विकास के लिए सरकार पैसा दे रही है। गांव के विकास में ढ़िलाई जरूर हुई है और गांव की समस्या का समाधान जरूर करवाया जाएगा।
इस अवसर पर पहुंचे जन स्वास्थ्य विभाग के चीफ इंजीनियर रविंद्र बेदी ने बताया कि गांव में वाटर सप्लाई व सीवरेज का कार्य लगभग पूर्ण है और सिर्फ 150 फूट का टुकड़ा किसी कारण से शेष रहता है। आगामी 20 फरवरी तक टैस्टिंग करके गांव में वाटर सप्लाई चालू कर दी जाएगी। वाटर सप्लाई चालू होने के बाद प्रति व्यक्ति 55 लीटर से क्षमता बढ़कर 155 लीटर प्रति व्यक्ति हो जाएगी। उधर गांव में एसटीपी का कार्य भी शुरू कर दिया गया है जिसे इसी वर्ष दिसंबर तक पूर्ण कर लिया जाएगा। इस एसटीपी के चालू होने के बाद गांव की निकासी व्यवस्था पूरी तरह से सुदृढ़ हो जाएगी। वहीं पत्रकारों से बातचीत में आश्वासन समिति के चेयरमैन भारतभूषण बतरा ने कहा कि इस गांव में यह योजना वर्ष 2017 में शुरू की गई थी लेकिन बीच में कोरोना आ गया था। गांव में 5 साल पहले सिवरेज व पेयजल पाईपलाईन डाली गई थी लेकिन उनमें पानी नहीं छोड़ा गया है। अधिकारियों ने उन्हे बताया कि फरवरी माह तक इनमें पानी छोड़ दिया जाएगा। गांव में एसटीपी भी नहीं बना है, जिसके बनने में अभी समय लगेगा। गांव में जो सड़कें व गलियां नहीं बनी हैं उनको भी बनना चाहिए।
मौका निरीक्षण करके कमियों को नोट कर लिया गया है। सारे मामले की समीक्षा करके जांच रिपोर्ट तैयार करके को ऊपर भेजा जाएगा ताकि इस दिशा में जल्द कार्यवाही हो सके। गांव में जो समस्याएं हैं उनका अतिशीघ्र समाधान करवाया जाएगा। इस मौके पर सफीदों के एसडीएम मनीष कुमार फोगाट, पब्लिक हेल्थ के चीफ इंजीनियर असीम खन्ना, चीफ इंजीनियर रविंद्र बेदी, एससी पब्लिक हैल्थ विक्रम मोर, एक्सईएन पब्लिक हैल्थ्ज्ञ संजीव कुमार, एसडीओ पब्लिक हैल्थ भूपेंद्र सिंह, एसडीओ पीडब्ल्यूडी अजय कटारिया, चीफ इंजीनियर पंचायती राज राकेश गोयल, विशेष रूप से मौजूद थे।

क्या था मामला
चार वर्ष पहले मुआना गांव को महाग्राम योजना में शामिल किया गया था। महाग्राम योजना में दस हजार से अधिक आबादी वाले गांवों को शामिल किया जाता है। गांव मुआना में करीब 10 वोटर हैं। इस योजना के तहत इस गांव को भी शहरों जैसी ट्रीटमेंट प्लांट, वाटर प्लांट, सीवर व पानी की पाइप लाइन जैसी सुविधाएं दी जानी थी। सिवरेज ट्रिटमेंट प्लांट के लिए साढ़े 14 करोड़ व वाटर सप्लाई के लिए 12 करोड़ रूपए स्वीकृत हुए थे। योजना के तहत डेढ़ साल के भीतर इस गांव की खारे पानी की समस्या का निपटान करके लोगों को पीने का साफ और मीठा पानी उपलब्ध करवाना था। वाटर सप्लाई प्लांट में आरओ भी लगाया जाना था।

इसके अलावा इस योजना के तहत गांव तालाबों का सौन्दर्यकर्ण करने का भी प्रावधान था। ये काम पब्लिक हैल्थ महकमे को 2021 तक पूर्ण करके देना था जोकि करीब अढ़ाई साल लेट हो चुका है। लेकिन मुआना गांव के 4 साल पहले विकास कार्यों के टेंडर हो चुके थे और आज तक भी उनका काम पूरा नहीं हो पाया है जिसके चलते विधानसभा की आश्वासन समिति मुआना गांव का दौरा किया। यह दौरा 12 जनवरी को होना था और किसी कारण वह ऐन टाईम पर रद्द हो गया था और वह दौरा आज वीरवार को हुआ है।

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