राजौरी में सेना पर 4 आतंकियों ने किया था हमला: अमेरिकी एम-4 राइफल से फायरिंग, लोहे की मोटी चादर पार कर जाती है गोली
डेरा की गली और बुफलियाज के एक अंधे मोड़ पर घात लगाए आतंकियों ने काफिले पर अमेरिकी एम-4 असॉल्ट राइफल से स्टील बुलेट फायर की थीं।सड़़क दुर्घटना का मामला दर्ज
कश्मीर में राजौरी जिले के सुरनकोट में गुरुवार को सेना के काफिले पर हमले की घटना में अहम खुलासे हुए हैं। सूत्रों के अनुसार वारदात को चार आतंकियों ने अंजाम दिया था।
डेरा की गली और बुफलियाज के एक अंधे मोड़ पर घात लगाए आतंकियों ने काफिले पर अमेरिकी एम-4 असॉल्ट राइफल से स्टील बुलेट फायर की थीं। ये सेना के वाहनों की मोटी लोहे की चादर को भेदने की नीयत से की गई थी।
बताया जाता है कि एम-4 राइफल आतंकियों के पास पाकिस्तानी हैंडलरों से आई थी। ये राइफल उस जखीरे का हिस्सा है जो अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से जाते समय वहां छोड़ गए थे।फॉक डांस में काम्या ने पाया प्रथम स्थान
यहां हुआ हमला…
डेरा की गली इलाका पुंछ और राजौरी से लगता है। राज्य की जियोग्राफी के हिसाब से ये लोकेशन सुरनकोट पुंछ में आती है, लेकिन आर्मी के सेक्टर और ऑपरेशनल कमांड के हिसाब से ये राजौरी में है।
हमले में 5 जवान शहीद, 2 घायल
इस हमले में 5 जवान शहीद हो गए। 2 जवानों की हालत गंभीर है। फिलहाल सर्च ऑपरेशन जारी है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की टीम मौके पर पहुंची है। शहीद सैनिकों की पहचान नायक बीरेंद्र सिंह, नायक करण कुमार, राइफलमैन चंदन कुमार, राइफलमैन गौतम कुमार के रूप में हुई है।
सेना का 5 वर्ग किमी में सर्च ऑपरेशन, हेलीकॉप्टर भी शामिल
इस बीच, शुक्रवार को सेना ने पांच वर्ग किमी इलाके में बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया। हेलीकॉप्टर से भी खोज की जा रही है। एनआईए की टीम भी मौके पर पहुंची। बताया जाता है कि आतंकी सेना के कुछ हथियारों को भी लेकर भागे थे।
कश्मीर में सर्दियों में हमले बढ़ने की आशंका
कश्मीर में आतंकियों के स्लीपर सेल अब भी एक्टिव हैं। पुंछ में भी आतंकियों ने रैकी कर सड़क के अंधे मोड़ को चुना। आतंकियों ने यहां कम से कम चार-पांच दिन तक लोकल हाइडआउट बनाया होगा। इलाके में घने जंगल हैं। सर्च ऑपरेशन के दौरान इन आतंकियों को स्लीपर सेल छिपने की जगह भी देते हैं। ऐसे में आतंकियों की धरपकड़ में मुश्किलें आती हैं।
अमेरिकी असॉल्ट राइफल से पाकिस्तानी हैंडलरों की बात तो बिलकुल साफ है। लेकिन एलओसी पर हवाई सुरक्षा को बढ़ाना होगा। कश्मीर में आतंक का पैटर्न रहता है कि सर्दियों में हमले बढ़ते हैं। कई इलाकों में बर्फबारी के कारण छिपने के ठिकाने बढ़ जाते हैं। अब ड्रोन से आर्म्स ड्रापिंग का खतरा भी काफी बढ़ गया है।
सेना को तीन लोगों के शव मिले
सेना के वाहनों पर हमले के एक दिन बाद उसी इलाके में तीन लोगों के शव मिले। अधिकारियों ने बताया कि मृतक उन आठ लोगों में शामिल थे जिन्हें सेना ने गुरुवार को हुए हमले के सिलसिले में पूछताछ के लिए उठाया था।
घटना से जुड़ी तस्वीरें…
आतंकियों की तरफ से घात लगाकर किए गए इस हमले में वाहन की खिड़की के शीशे टूट गए।
जिन जवानों पर हमला हुआ वे इस इलाके में बुधवार से चल रहे सर्चिंग ऑपरेशन में शामिल होने जा रहे थे।
आतंकियों के हमले के जवाब में भारतीय सुरक्षाबलों ने गोलीबारी की। यहां अब तक मुठभेड़ हो रही है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व DGP बोले- पाकिस्तान ने योजनाबद्ध हमला करवाया
जम्मू-कश्मीर के पूर्व DGP एसपी वैद ने कहा- आर्मी व्हीकल पर हमला पाकिस्तान की तरफ से योजनाबद्ध तरीके से किया गया। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद जो सकारात्मक बदलाव हुए हैं, आतंकी इस नरेटिव को बदलना चाहते हैं।
एक दिन पहले सुरनकोट के पुलिस कैंप में हुआ था ब्लास्ट
पुंछ के सुरनकोट इलाके में 19-20 दिसंबर की दरम्यानी रात एक पुलिस शिविर में ब्लास्ट हुआ था। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार (20 जनवरी) को इस घटना की जानकारी दी। ब्लास्ट इतना जोरदार था कि पुलिस कैंप में खड़े कई वाहनों की खिड़कियों के शीशे टूट गए।
पुंछ के सुरनकोट जिले में पुलिस कैंप में हुए ब्लास्ट की जांच करती पुलिस।
इंटेलिजेंस के मुताबिक, 250-300 आतंकी भारत में घुसपैठ को तैयार
16 दिसंबर को BSF के एक सीनियर अफसर ने इंटेलिजेंस के हवाले से जानकारी दी थी कि पाकिस्तान सीमा में 250 से 300 आतंकी लॉन्चपैड पर हैं। ये जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की फिराक में हैं। अफसर ने बताया कि सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया गया है। सीमा पार से किसी भी तरह की घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी जाएगी।
BSF के IG अशोक यादव ने पुलवामा में बताया कि आतंकी गतिविधियों को देखते हुए हम (BSF) और सेना संवेदनशील इलाकों पर नजर रखे हुए हैं और सतर्क हैं। पिछले कुछ सालों में सुरक्षाबलों और कश्मीर के लोगों के बीच जुड़ाव बढ़ा है। अगर लोग हमारा सहयोग करें तो हम विकास के कामों को बेहतर तरीके से आगे बढ़ा सकते हैं।
पाकिस्तान सीमा पर कड़ी सुरक्षा के बावजूद आतंकियों की घुसपैठ रोकना सिक्योरिटी फोर्सेस के लिए बड़ी चुनौती है।
जम्मू-कश्मीर में पिछली 6 आतंकी वारदातें…
पहला: 22 नवंबर को राजौरी में हुए हमले में 5 जवान शहीद हुए थे
जम्मू के राजौरी इलाके में 22 नवंबर को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में 5 जवान शहीद हुए थे। ये मुठभेड़ 34 घंटे चली थी, जिसमें सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया था। डिफेंस PRO ने बताया था कि मारे गए एक आतंकी का नाम कारी है। वह पाकिस्तानी नागरिक था। उसे पाक और अफगान मोर्चे पर ट्रेंड किया गया था।
दूसरा: 17 नवंबर को 2 एनकाउंटर, 6 आतंकी मारे गए
17 नवंबर को राजौरी और कुलगाम में दो अलग-अलग एनकाउंटर में 6 आतंकवादी मारे गए थे। पहला एनकाउंटर 16 नवंबर को कुलगाम में शुरू हुआ जो 17 नवंबर तक चला। इसमें 5 आतंकी मारे गए थे। ये सभी हाल ही में हुए टारगेट किलिंग में शामिल थे। दूसरा एनकाउंटर राजौरी में हुआ, जिसमें 1 आतंकी मारा गया था।
तीसरा: अक्टूबर में पुलिस इंस्पेक्टर को गोली मारकर हत्या
श्रीनगर में अक्टूबर ईदगाह इलाके में एक आतंकी ने पुलिस इंस्पेक्टर को तीन गोलियां मारी थीं। गोलियां उनके पेट, गर्दन और आंख में लगी थीं। इंस्पेक्टर की पहचान मसरूर अली वानी के रूप में हुई थी। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन TRF ने ली है। हमला उस समय हुआ, जब मसरूर वानी स्थानीय लड़कों के साथ क्रिकेट खेल रहे थे।
चौथा: सितंबर में 3 अफसर, 2 जवान शहीद हुए थे
जम्मू-कश्मीर में 13 सितंबर को आतंकियों के साथ दो मुठभेड़ में 3 अफसर और दो जवान शहीद हो गए थे। शहीद अफसरों में सेना के एक कर्नल, एक मेजर और पुलिस के एक DSP शामिल थे। आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर सर्च ऑपरेशन के दौरान हमला किया था। इस दौरान दो आतंकी भी मारे गए। यहां सर्चिंग के दौरान सेना के डॉग की भी मौत हो गई थी।
पांचवां: 9 अगस्त को पकड़े गए थे 6 आतंकी
सुरक्षाबलों ने 15 अगस्त से पहले 6 आतंकियों को गिरफ्तार किया था। पहला मामला 9 अगस्त की रात का है, जहां कोकेरनाग के एथलान गडोले में तीन आतंकी पकड़े गए। मुठभेड़ के दौरान सेना के जवान समेत 3 लोग घायल हुए। दूसरा मामला उरी का है, जहां सुरक्षाकर्मियों ने लश्कर के 3 आतंकी पकड़े।
छठा: 6 अगस्त को तीन आतंकी मारे गए थे
6 अगस्त को भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन में LoC के पास दो आतंकियों को मार गिराया था। ये आतंकी LoC के पास घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। इसी दिन शाम को भी घुसपैठ की कोशिश कर रहे एक अन्य आतंकवादी को मार गिराया गया था।
यह विजुअल सेना की ओर से जारी किया गया है। इसमें पुंछ में LoC के पास घुसपैठ की कोशिश करते आतंकी दिख रहे हैं।
बीते दो साल में राजौरी-पूंछ बेल्ट में हुए बड़े आतंकी हमले
2021: अक्टूबर में तीन बड़े हमले हुए
11 अक्टूबर 2021: पूंछ जिले की सुरनकोट तहसील के चामरेर जंगलों में सेना की आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई। इसमें एक JCO समेत पांच जवान शहीद हुए।
16 अक्टूबर 2021: पूंछ की मेंढार तहसील के भट्टा दुरियन इलाके में सेना और इन्हीं आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई। इसमें एक अन्य JCO समेत चार जवान शहीद हुए।
30 अक्टूबर 2021: राजौरी के नौशेरा सेक्टर में माइन ब्लास्ट में एक लेफ्टिनेंट और एक जवान की जान चली गई।
2022: अगस्त और दिसंबर में दो बड़े हमले
11 अगस्त 2022: राजौरी जिले के दरहल इलाके में परगल आर्मी कैंप पर आतंकियों ने हमला किया। इसमें पांच जवान शहीद हुए जबकि दो फिदायीनों को सेना ने मार गिराया।
18 दिसंबर 2022: राजौरी के अल्फा गेट के बाहर एक आतंकी हमले में दो नागरिक मारे गए।
18 दिसंबर 2022 को आतंकी हमले में मरने वालों के नाम कमल किशोर व सुरिंदर कुमार थे।
2023: इस साल दस जवान शहीद हुए
1 जनवरी 2023: राजौरी के डांगरी गांव में दो विदेशी आतंकियों की फायरिंग और IED ब्लास्ट में अल्पसंख्यक समुदाय के सात लोग मारे गए थे। इनमें दो नाबालिग थे।
20 अप्रैल 2023: पूंछ जिले की मेंढार तहसील के भट्टा दुरियन इलाके में आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर हमला किया, जिसमें सेना के पांच जवान शहीद हो गए जबकि एक जवान घायल हो गया।
5 मई 2023: राजौरी के कांडी में आतंकियों ने IED ब्लास्ट किया जिसमें पांच आर्मी पैरा कमांडो शहीद हुए और एक मेजर घायल हो गए।
18 जुलाई 2023: पूंछ जिले की सुरनकोट तहसील के सिंधारा टॉप इलाके में सुरक्षाबलों ने चार पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया।
तस्वीर 1 जनवरी 2023 की शाम डांगरी की है, जहां आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी।
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