भगवान महावीर स्वामी के 2550वें निर्वाण महोत्सव पर निकाली गई है यात्रा
एस• के• मित्तल
सफीदों, भगवान महावीर स्वामी के 2550वें निर्वाण महोत्सव के उपलक्ष्य में जीवों पर दया का संदेश लेकर एक रथयात्रा मंगलवार को नगर के दिगंबर जैन मंदिर में पहुंची। यात्रा का मंदिर के महामंत्री चंद्रप्रकाश जैन ने स्वागत किया। रथ के साथ आए विद्वान अंकित का महामंत्री चंद्रप्रकाश जैन व समाज के लोगों ने अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर अभिनंदन किया।
समाज के लोगों ने रथ में विराजमान भगवान महावीर स्वामी की प्रतीमा की सामुहिक आरती की। उसके उपरांत रथयात्रा के नगर के रेलवे रोड़, पुरानी अनाज मंडी, मार्किट कमेटी रोड व अन्य प्रमुख मार्गों से होकर गुजरी। रास्ते भर में लोगों ने यात्रा का भव्य स्वागत किया और भगवान महावीर स्वामी का आशिर्वाद ग्रहण किया। वहीं यह यात्रा नगर के सरस्वती स्कूल पहुंची और वहां पर विद्यार्थियों को भगवान महावीर स्वामी के संदेशों व यात्रा के उद्देश्यों से अवगत करवाया। रथयात्रा के साथ आए विद्वान अंकित ने बताया कि भगवान महावीर स्वामी के 2550वें निर्वाण महोत्सव को लेकर निकाली गई है। इस यात्रा का शुभारंभ दिल्ली से किया गया था और पूरे देश भ्रमण करते हुए इस यात्रा का पावापुरी (मध्यप्रदेश) में समापन होगा। यह रथयात्रा हर 50 वर्ष बाद निकली जाती है।
यात्रा के माध्यम से लोगों को जियो और जीने दो का संदेश दिया जा रहा है और भगवान महावीर के बताए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अपने संबोधन में भगवान महावीर दिगंबर जैन मंदिर के महामंत्री चंद्रप्रकाश जैन ने कहा कि ऐतिहासिक भूमि सफीदों का परम सौभाग्य है कि यह पुनित रथयात्रा यहां पर पधारी और यहां के समाज को इसका स्वागत करने का अवसर प्राप्त हुआ।
भगवान महावीर ने जीयो और जीने दो के सिद्धांत के साथ-साथ संपूर्ण जगत को मुक्ति का सन्देश दिया। आत्मिक और शाश्वत सुख की प्राप्ति हेतु सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, अचौर्य और ब्रह्मचर्य जैसे पांच मूलभूत सिद्धांत भी बताए।