एस• के• मित्तल
सफीदों, एसडीएम मनीष कुमार फोगाट ने वीरवार को अपने कार्यालय में सफीदों विधानसभा क्षेत्र के नंबरदारों के साथ बैठक की और उन्हे गांवों में पराली ना जलने देने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने नंबरदारों से कहा कि वे गांवों में पराली जलाने वालों पर नजर रखें और अगर कोई ऐसा करता है तो उसकी सूचना प्रशासन को दे। इसके अलावा वे गांवों में इसको लेकर चौकीदारों की मार्फत मुनादी भी करवाएं।
सफीदों, एसडीएम मनीष कुमार फोगाट ने वीरवार को अपने कार्यालय में सफीदों विधानसभा क्षेत्र के नंबरदारों के साथ बैठक की और उन्हे गांवों में पराली ना जलने देने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने नंबरदारों से कहा कि वे गांवों में पराली जलाने वालों पर नजर रखें और अगर कोई ऐसा करता है तो उसकी सूचना प्रशासन को दे। इसके अलावा वे गांवों में इसको लेकर चौकीदारों की मार्फत मुनादी भी करवाएं।
उन्होंने कहा कि किसानों को धान की फसल के अवशेष जलाना भारी पड़ सकता है, जिसके लिए सरकार के साथ-साथ सर्वोच्च न्यायालय, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) व नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल पूरी तरह सख्त है। उन्होंने इस मौके पर मौजूद अधिकारियों से भी कहा कि संबंधित अधिकारी फसल अवशेष प्रबंधन बारे पूरी मॉनिटरिंग करते हुए फसल अवशेष जलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से फिजा भी जहरीली होती है जिससे मानव व अन्य जीवों पर दुष्प्रभाव पड़ता है। किसान फसल अवशेषों का समुचित प्रबंधन करें और इसे पशुचारे के प्रयोग में भी लाया जा सकता है। फसल अवशेषों का समुचित प्रबंधन करने पर राज्य सरकार द्वारा किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपए प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है।
सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ सख्त आदेश जारी किए हैं। यदि कोई भी किसान पराली जलाते पाया जाता है, तो उसके ऊपर भारी जुर्माने व एफआईआर का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि किसान पराली ना जलाकर उसका प्रबंधन करें और सरकार द्वारा इसके लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठाएं। उन्होंने बताया कि पराली की गांठ बनाने वाली स्ट्राबेलर की किसान बुकिंग करवाएं। मशीन की खरीद पर सरकार काफी रिआयत दे रही है। इस मौके पर पिलूखेड़ा नायब तहसीलदार लोकेश शर्मा, नम्बरदार अजीर, राजेंद्र , रघुवीर, हवा सिंह, सतबीर नम्बरदार व अन्य किसान मौजूद थे।