हरियाणवी लोक संगीत के बीच हुआ हरियाणा उदय समारोह का समापन

एस• के• मित्तल   
सफीदों,         उपमंडल के गांव ढाठरथ के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में चल रहे हरियाणा उदय, नगर दर्शन एवं ग्राम दर्शन कार्यक्रम का समापन हरियाणवी संस्कृति से ओतप्रोत कार्यक्रम के साथ हुआ। इस मौके पर व्यापक पौधारोपण भी किया गया। इस मौके पर उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार, अतिरिक्त उपायुक्त डा. हरीश वशिष्ठ, एसपी सुमित कुमार, आईएएस अंकित चौकसे व एसडीएम सत्यवान सिंह मान विशेष रूप से मौजूद थे।
अधिकारियों ने लोगों की समस्याएं सुनी ओर उनका समाधान कराया। समारोह में हरियाणा कला परिषद के कलाकारों ने हरियाणवी लोक संगीत की छटा बिखेरी। कला परिषद के हिसार मंडल के अतिरिक्त निदेशक महाबीर गुड्डू ने अपनी कलाकार मंडली के साथ हरियाणवीं प्रस्तुतियां दी। उन्होंने खास हरियाणवी वेशभूषा में शिव वंदना-तू राजा की राजकुमारी, मैं सिर्फ लंगोटे आला सूं के अलावा विभिन्न गीतों के माध्यम से सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। एसडीएम सत्यवान सिंह मान ने बताया कि हरियाणा की संस्कृति को देश-विदेश में पहचान दिलाने वाले कलाकारों की लिस्ट उठाएं तो महाबीर गुड्डू का नाम अग्रिम पंक्ति में आता है। उन्होंने शिव गायन और बम लहरी को पहली बार कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में मंच पर जगह दी। यही नहीं, धोती-कुर्ता में सोलो डांस का जनक भी गुड्डू को ही माना जाता है। उन्होंने हरियाणवी संस्कृति को आगे बढ़ाने में बहुत काम किया।
शिव गायन को साधु संत गाते थे। उन्होंने धोती, कुर्ता व खंडका पहनकर मंच पर शिव गायन किया। इसी तरह बम लहरी को जंगम जोगी गलियों व मेलों में गाते थे। सत्यवान मान ने कहा कि कला-संस्कृति से जो व्यक्ति दिल से जुड़ जाता है, वह कभी बुरे कर्म नहीं करता। हमारे बुजुर्ग रागनियां व सांग सुनते थे, इसलिए उनमें आपसी प्यार, भाईचारा, ईमानदारी, सात्विकता व सत्यता होती थी। अब युवा पीढ़ी फिजूल के गाने सुनती है, इसलिए उनमें संस्कारों की कमी हो गई है। जैसा हम सुनते व देखते हैं, वैसा ही हम कर्म करते हैं।

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