कन्या गुरुकुल में आत्मरक्षा व चरित्र निर्माण शिविर का हुआ शुभारंभ

एस• के• मित्तल 
सफीदों,          उपमंडल के खंड पिल्लूखेड़ा स्थित माता चन्नन देवी आर्य कन्या गुरुकुल में आत्मरक्षा व चरित्र निर्माण शिविर का शुभारंभ हुआ। शुभारंभ अवसर पर स्वामी धर्मदेव महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। इस मौके पर गुरूकुल के प्रधान संजीव मुआना, मंत्री यादविंद्र बराड़ व प्राचार्य ओमबीर जागलान विशेष रूप से मौजूद थे। शुभांरभ अवसर पर विशाल यज्ञ किया गया।
यज्ञ में गुरूकुल कार्यकारिणी, स्टाफ व शिविर में भाग लेने वाली कन्याओं ने आहुति डाली। इस शिविर में योग शिक्षिका रजनी आर्या व अग्रिम आर्या और बौद्धिक आचार्य रामदयाल दर्शानाचार्य द्वारा बच्चों को आत्मरक्षा, सूर्य नमस्कार, भूमि नमस्कार, चंद्रमा नमस्कार, रस्सा मलखंब, योग प्राणायाम, संध्या यज्ञ, ध्यान एकाग्रता, चिंतन आत्मनिरीक्षण व व्यक्तित्व विकास संस्कार का अभ्यास करवाया गया।
अपने संबोधन में स्वामी धर्मदेव ने कहा कि अगर भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म को बचाए रखना चाहते हैं तो आर्य समाज को बरकरार रखना होगा। स्वामी महर्षि दयानंद सरस्वती जी द्वारा इस जगत को दिया गया सत्यार्थ प्रकाश सबसे बड़ा शास्त्र है। आज हमारे देश में आर्य समाज के विद्वान धर्म की रक्षा कर रहे हैं। आर्य वीर हमेशा राष्ट्रपोषक होता है और उसका जीवन सदैव राष्ट्र के लिए ही समर्पित रहता है। आर्यवीर अपने पुरुषार्थ से पाखंड, अभाव, अन्याय और अंधकार को दूर करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *