चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को पदोन्नति न देने के मामले में हरियाणा सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में जवाब दायर कर दिया है। हरियाणा सरकार ने कहा कि आरोपित निलंबित हैं। आरोपितों डेरा प्रमुख की गाड़ी को जब पुलिस अधिकारियों ने रोकना चाहा था उस समय अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया था। कोर्ट ने सरकार के आग्रह पर मामले में बहस 9 मई तक स्थगित कर दी।
अपनी याचिका में राजेश कुमार और अन्य ने उन्हें इंटरमीडिएट स्कूल कोर्स (हवलदार से एएसआइ के पद पर पदोन्नति ) करने की अनुमति देने के लिए सरकार को आदेश देने की मांग की है। पुलिस विभाग ने पिछले साल 12 अप्रैल और 27 अक्टूबर के आदेश के तहत पदोन्नति के लिए इंटरमीडिएट स्कूल कोर्स के लिए चुना था, लेकिन सरकार ने उनको बिना किसी कारण के कोर्स में शामिल होने की अनुमति नहीं दी।
याचिका के अनुसार उन्हें डेरा प्रमुख सच्चा सौदा की सुरक्षा में नियुक्त किया गया था। उन पर दुष्कर्म के मामलों में डेरा प्रमुख को दोषी ठहराए जाने के बाद हुई हिंसा के संबंध में मामला दर्ज किया गया था।
उक्त मामले के आधार पर याचिकाकर्ताओं को डीएसपी, प्रथम बटालियन, हरियाणा सशस्त्र पुलिस (एचएपी), अंबाला द्वारा 13 सितंबर, 2017 को निलंबित कर दिया गया। याचिकाकर्ताओं के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई थी और याचिकाकर्ताओं ने इसे पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट समक्ष चुनौती दी थी।
इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को उनके खिलाफ कार्रवाई के संबंध में कोई अंतिम आदेश पारित करने से रोक दिया था। मामले की सुनवाई के दौरान याची पक्ष के वकील ने दलील दी कि पदोन्नति कोर्स के लिए किसी भी निलंबित कर्मचारी को रोक नहीं है। इस मामले में सरकार को एक आदेश भी जारी हुआ है लेकिन इसके बावजूद सरकार इन पुलिस कर्मी को कोर्स पर जाने की इजाजत नहीं दे रही।