– बोले मनोवैज्ञानिक, बढ़ती उम्र में गर्भाधारण से ज्यादा है खतरा

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आनुवंशिक विकार है ‘डाउन सिंड्रोम’

दिव्यांग बच्चों ने मनाया विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस

एस• के• मित्तल 

जींद,        दर्पण कम्युनिकेशन सोसायटी द्वारा दर्पण रिहैबिलिटेशन सेंटर एवं स्पेशल स्कूल में विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मनोचिकित्सक डॉ. मनीष कुमार मुख्य वक्ता रहें। सोसाइटी अध्यक्ष श्रीभगवान राणा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। मनोचिकित्सक डॉ. मनीष ने कहा कि डाउन सिंड्रोम शरीर की रचना में बना एक आनुवंशिक विकार है, जिससे बौद्धिक क्षमता और शरीरिक विकास पर बहुत असर पड़ता है।

हमें इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि डाउन सिंड्रोम तब होता है जब किसी व्यक्ति के पास क्रोमोसोम 21 की अतिरिक्त कॉपी या आंशिक कॉपी होती है। ऐसे लोगों का आईक्यू मध्यम  या निम्न श्रेणी का हो जाता है। डाउन सिंड्रोम वाले बच्चे बोलने में भी काफी धीमे होते हैं। यह बीमारी विश्व भर में  पाई जाती है। भारत में हर 830 बच्चों में से एक बच्चा  का पैदा होता है।
उन्होंने कहा कि डाउन सिंड्रोम वाले लोगों के शरीर की बनावट अलग तरह की होती है, ऐसे लोगों में छोटी नाक या चपटी नाक, कान का आकार असामान्य होना जैसे कई लक्षण हैं। डाउन सिंड्रोम की वजह से व्यक्ति की शारीरिक विशेषता तो प्रभावित होती ही है, इसके साथ-साथ उसके सीखने की शैली पर भी प्रभाव पड़ता है। ये बच्चे के शरीर और मस्तिष्क के विकास को पूरी तरह से बदल देती है।
ऐसे लोगों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है। संस्थान निदेशक डॉ. आशुतोष ने कहा कि डाउन सिंड्रोम वाले लोगों की मानसिक व शारीरिक विकास की निगरानी के साथ-साथ उनकी फिजियोथैरेपी, नियमित कंसल्टेंसी और विशेष शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। महिलाओं का बढ़ती उम्र में गर्भाधारण डाउन सिंड्रोम के खतरे को बढ़ा देता है। ऐसे में लोगों को इसके बारे में जागरूक करना बेहद आवश्यक है। इस कार्यक्रम में  दिव्यांग बच्चों ने पेंटिंग प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
इस प्रतियोगिता में आशीष प्रथम, गुलाब द्वितीय और प्रसंशा तीसरे स्थान पर रही। इस अवसर पर दर्पण सोसाइटी के कार्यकारिणी सदस्य डॉ. राजेश्वर, डॉ. आशुतोष, जयपाल, सोनिका, अर्चना, जगदीश, कोर्स कोऑर्डिनेटर देवेंद्र अहलावत, साइकोलोजिस्ट विपुल, विशेष शिक्षक प्रमोद, रेखा, भारती, काजल, सुनैना, सुमित, दीप्ति आदि सहित सभी दिव्यांग बच्चे मौजूद रहे।
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