सफाई व्यवस्था बारे मिली शिकायत का किया समाधान और दिए आवश्यक दिशा निर्देश
एस• के• मित्तल
जींद, स्वच्छ भारत मिशन के राज्य स्तरीय कार्यबल के सदस्य वेद प्रकाश पांचाल ने आज ग्राम सचिवालय रधाना एवं गांव अशरफगढ़ धोड़ी में औचक स्वच्छता निरीक्षण किया। इस अवसर पर निरीक्षण के दौरान सफाई व्यवस्था बारे मिली शिकायत का समाधान किया। निरीक्षण के दौरान ग्राम सचिवालय के प्रवेश द्वार पर गंदगी का ढेर लगा हुआ मिला। ग्राम सचिवालय परिसर में बड़ी बड़ी झाड़ियां, पेड़, गंदगी व विभिन्न कमरों में अवैध रूप से कबाड़, खाली दारू की बोतल व जगह-जगह बिजली की नंगी तारें, अधूरे निर्माणाधीन पड़े कमरे अर्थात बिना छतों के कमरे, शौचालयों में पानी की व्यवस्था न होना टूटियां गायब होना मिली।
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इस ग्राम सचिवालय की स्थिति इतनी दयनीय दिखाई दे रही थी कि ऐसा प्रतीत हो रहा था की सालों से यह ग्राम सचिवालय बंद हालात में रहा है। ग्रामीण वासियों द्वारा बताया गया कि ग्रामीण लोगों को गांव स्तर पर ही विभिन्न प्रकार की सरकारी सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा इस प्रकार से सराहनीय कार्य किया गया लेकिन इसके उद्घाटन के कुछ महीने बाद ही इस ग्राम सचिवालय पर ताला लटका हुआ दिखाई दिया। निरीक्षण के दौरान ओम प्रकाश, पाला सिंह, जग प्रवेश कौशिक, यामीन, रामकुमार, अजीत, सतबीर, सतबीर चहल, हवा सिंह, सतीश, नरेश व स्वच्छता प्रहरी हरिराम जांगड़ा मुख्य तौर पर मौजूद रहे। निरीक्षण के दौरान शिव मंदिर दादा तीर्थ रधाना के सामने आम जनता के लिए बैठने के लिए सरकार द्वारा लाखों रुपए लगाकर लाए गए बेंच बिना देखभाल धूल फांकते हुए व बिना किसी उपयोग के बेतरतीब ढंग रखें हुए मिले।
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इसके बाद ग्रामीणों ने बताया कि अनुसूचित समाज के लिए बनाए गए श्मशान घाट के रास्ते को सरकारी कागजों में ब्लॉक की ईटों से बनाया हुआ दिखाया गया है जबकि वास्तव में यह आधा अधूरा ईंट से बना है। बरसात के दिनों में अंतिम संस्कार के लिए लोगों को इन रास्तों से दो चार होना पड़ता है। ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि गांव में पीने की पानी की व्यवस्था सही ना होने की वजह से ग्रामीणों द्वारा स्वयं कमेटी बनाकर अपने पैसों से समर्सिबल लगवाए गए हैं जिससे गांव वासी एवं हैचरी का कार्य करने वाले व पास के गांव के अशरफगढ़ धोड़ी निवासी लोगों को भी पीने का पानी यहीं से मिलता है।
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इस अवसर पर लोगों ने बताया कि बरसाती पानी की निकासी के लिए आस-पास के गांव को बाढ़ की स्थिति में बचाने के लिए ड्रेन का निर्माण किया गया है। ड्रैन को मिट्टी पर बिना किसी दीवार की मदद के मिट्टी पर ही पक्का किया गया है जबकि साथ लगते जोहड की वजह से उस ड्रेन की जोहर की तरफ वाली मिट्टी कट गई है और जो पक्की की गई ड्रेन की पटरी भी टूटने के कगार पर है। भविष्य में यदि बरसाती मौसम में बाढ़ का पानी अत्यधिक मात्रा में आने पर यह ड्रेन का गंदा पानी मिट्टी कटने एवं ड्रेन की पटरी टूटने पर जोहड़ के पानी में मिल जाएगा और यहां के पशुओं के लिए पीने के पानी की व्यवस्था गड़बड़ा जाएगी। गांव के ग्रामीणों ने बताया कि केंद्र सरकार व हरियाणा सरकार द्वारा ग्रामीणों को पक्की गली मुहैया करवाने के लिए जारी किए गए ग्रांट का भी दुरुपयोग किया गया है और गली को पक्का करने के सामान को गली में लाने के बावजूद भी वापस बिना गली बनाए ही ले जाया गया जिस की भी जांच होनी चाहिए।
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लोगों ने बताया कि सरकारी कागजों में सभी गलियां पक्की होने बारे बताया गया है लेकिन धरातल पर कीचड़ से अटी पड़ी कच्ची गलियां ही मौजूद है। इसके बाद वेद प्रकाश पांचाल गांव अशरफगढ़ धोड़ी भी गए और वहां लोगों द्वारा बताया गया कि सफाई कर्मचारी द्वारा सुचारू रूप से सफाई नहीं की जा रही है। जब सफाई कर्मचारी से बात की गई उन्होंने बताया कि हम नियमित सफाई करते हैं। वहीं दूसरी और सफाई कर्मचारी द्वारा कहा कि हमारे पास सफाई करने के लिए झाड़ू, कशी, फावड़े, तसले व कूड़ा उठाने के लिए रिक्शा भी मौजूद नहीं है। जब इस बारे में ग्राम सचिव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मैंने इसी हफ्ते अपना कार्यभार संभाला है और जो भी आवश्यक जरूरत का सामान साफ सफाई से संबंधित है उसे तुरंत मुहैया करवा दिया जाएगा।