PSBs प्रमुखों से 23 अप्रैल को मिलेंगी निर्मला सीतारमण, प्रदर्शन और प्रगति की करेंगी समीक्षा

पीटीआइ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 अप्रैल को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) के प्रमुखों से मिलेंगी और कोरोना से प्रभावित अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं पर ऋणदाताओं के प्रदर्शन और उनके द्वारा की गई प्रगति की समीक्षा करेंगी। बजट 2022-23 पेश किए जाने के बाद यह पहली पूर्ण समीक्षा बैठक है। सूत्रों ने कहा कि बैंकों से अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार में तेजी लाने के लिए उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण स्वीकृत का आग्रह किया जाएगा।

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सूत्रों के मुताबिक, इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) समेत सरकारी योजनाओं के विभिन्न खंडों और प्रगति की व्यापक समीक्षा की जाएगी। बता दें कि बजट में ECLGS को मार्च 2023 तक एक साल के लिए बढ़ा दिया गया था। इसके अलावा, योजना के लिए गारंटी कवर को 50,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था। ईसीएलजीएस 3.0 के तहत आतिथ्य, यात्रा, पर्यटन और नागरिक उड्डयन क्षेत्रों के लिए कवरेज, दायरा और लाभ की सीमा का विस्तार किया गया था।

साथ ही, पात्र उधारकर्ताओं के लिए क्रेडिट सीमा को उनके फंड-आधारित क्रेडिट बकाया के 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया था। बढ़ी हुई सीमा प्रति उधारकर्ता के लिए अधिकतम 200 करोड़ रुपये तक सीमित है। मई 2020 में इसकी शुरुआत के बाद से 25 मार्च 2022 तक 3.19 लाख करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए गए हैं।

ऐसे में नई दिल्ली में होने वाली बैठक चालू वित्त वर्ष के लिए एजेंडा तय करेगी, जो अभी शुरू हुआ है। पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक को अप्रैल-दिसंबर की अवधि में किसी भी नुकसान का सामना नहीं करना पड़ा और इस अवधि के दौरान 48,874 करोड़ रुपये का सामूहिक शुद्ध लाभ कमाया।

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इससे पहले 2020-21 में PSBs ने 31,820 करोड़ रुपये का संयुक्त शुद्ध लाभ अर्जित किया था। हालांकि, 2015-16 से 2019-20 के दौरान लगातार पांच वर्षों में सामूहिक नुकसान हुआ था। 2017-18 में सबसे ज्यादा शुद्ध घाटा 85,370 करोड़ रुपये दर्ज किया गया था।

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