किसान की गेहूं का डेढ़ साल से लटका 73 हजार का भुगतान

 

 

एस• के• मित्तल   

सफीदों, सफीदों उपमंडल के गांव छापर के किसान जसपाल सिंह द्वारा अप्रैल 2021 में सरकारी एजेंसी हैफेड को बेची गेहूं का भुगतान आज डेढ़ साल बाद तक नहीं मिला है। किसान ने मंगलवार को बताया कि अप्रैल 2021 में उसने 249 क्विंटल गेहूं हैफेड एजेंसी को बेची थी। इसके चार लाख रुपये भी एजेंसी ने करीब पांच माह बाद सितम्बर 2021 में उसे दिए जबकि 73 हजार का भुगतान रोक लिया।

 

एसडीएम सत्यवान मान ने किया सफीदों की नंदीशाला का निरीक्षण

 

जसपाल ने बताया कि एजेंसी व अन्य संबंधित अधिकारियों के दफ्तरों के महीनों तक चक्कर काटने के बाद उसने सीएम विंडो में शिकायत की जिसमे कुछ नहीं हुआ। उसने फिर शिकायत की जिस पर उसके सामने भाजपा के एमिनेंट पर्सन गुरप्रीत नत, रामदास प्रजापत व रोहताश सैनी ने हफेड की तरफ से आए प्रतिनिधि से बात की। किसान का कहना है कि एजेंसी वाले कहते हैं कि उसने प्रति एकड़ 33 क्विंटल की निर्धारित अधिकतम मात्रा से अधिक जो गेहूं बेची है उसका भुगतान रोक गया है। उसका कहना है कि यदि एजेंसी भुगतान नहीं करती तो उसका माल लौटा दे। इस शिकायत को देख रहे हैफेड के नेटवर्क सुपरवाईजर अरुण सिंगला ने बताया कि मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपलोड क्षेत्र के मुताबिक किसान ने सरकारी खरीद नियमों के तहत निर्धारित प्रति एकड़ अधिकतम 33 क्विंटल से ज्यादा गेहूं एजेंसी को बेची है जिसके भुगतान को उपायुक्त ने जायज नहीं बताया था इसलिए भुगतान नहीं हो सका।

 

कुरुक्षेत्र में खेल मंत्री ने सुनी समस्याएं: टीकरी आवास पर बोले संदीप सिंह- मौके पर होगा समस्याओं का समाधान

उसका कहना था कि सरकार का मानना है कि एक एकड़ में गेहूं की पैदावार 33 क्विंटल से अधिक नहीं हो सकती। सिंगला ने कहा कि इस मामले में उनकी एजेंसी मुख्यालय के अधिकार क्षेत्र में भी कुछ नहीं है। इसमें तो हरियाणा सरकार ही फैसला लेगी। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद एमिनेंट पर्सन रामदास प्रजापत ने बताया कि किसान का भुगतान लेने का हक है। प्रजापत ने बताया कि उन्होंने ऊपर प्रस्तुत रिपोर्ट में लिखा है कि यदि सरकार भुगतान नहीं कर सकती तो मानवता के आधार पर उसकी गेहूं वापस कर दे।

iQOO Z6 लाइट स्नैपड्रैगन 4 Gen 1 SoC के साथ भारत में हुआ लॉन्च: कीमत, स्पेसिफिकेशंस

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *