हरियाणा के यमुनानगर में लघु सचिवालय के बाहर निगम कर्मचारियों ने मांगों को लेकर प्रदर्शन किया और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। कर्मियों ने बताया कि टिप्पर कर्मियों को 6: महीने पहले हटा दिया गया है, लेकिन उनका 3 महीने का वेतन और 9 महीने के भविष्य निधि फंड पर सरकार कुंडली मार कर बैठ गई है।
सरकार की मंशा न तो इन कर्मियों को ड्यूटी पर बहाल करने की और न ही इनका वेतन देने की लग रही है। सफाई कर्मी नेता पवन का कहना है कि यह कैसा न्याय है कि एक तरफ़ तो सरकार चुनावी वादों में लोगों को रोजगार, शहर की सुन्दरता व सफाई व्यवस्था पर लोक लुभावने घोषणा पत्र जारी करती है।
कर्मियों के प्रदर्शन के दौरान लघु सचिवालय में तैनात पुलिस।
जनता को मंहगाई कम करने के आश्वासन देती है पर सत्ता में आते ही थोड़े दिन काम करने का आडम्बर रचती है और फिर अपने असली रूप में आकर हमारा रोजगार और मेहनत की कमाई दोनों छीन लेती है। सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च कर टिप्पर बनवाये। एक-एक टिप्पर पर 10 से 15 लाख रुपए का खर्च आया। आज वह कहीं भी प्रयोग न कर नकारा होने के लिए छोड़ दिये गये हैं।
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