जींद, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार एडीआर सैंटर के सभागार में मध्यस्ता शिविर का आयोजन किया गया। मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी-कम सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुश्री रेखा ने बताया कि मध्यस्ता में मध्यस्थ की सहायता से विवादों को निपटाने का एक प्रयास है जो कि तटस्थ तृतीय पक्ष है। मध्यस्थ अधिकारी निष्पक्ष मध्यस्ता के प्रति पूर्णतया पूर्णतः प्रशिक्षित होता है और सभी पक्षों को उनके विवादों का हल निकालने में मदद करता है। मध्यस्त अधिकारी विवादित पक्षों के बीच समझौते की आधारभूमि तैयार करता है। दोनों पक्षों के बीच आपसी बातचीत और विचारों का माध्यम बनता है। समझौते के दौरान आने वाली बाधाओं का पता लगाता है, बातचीत से उत्पन्न विभिन्न समीकरणों को पक्षों के समक्ष रखता है। समझौते की शर्ते स्पष्ट करता है तथा ऐसी व्यवस्था करता है कि सभी पक्ष स्वेच्छा से समझौते को अपना सके तथा सभी पक्षों के हितों की पहचान करवाता है।
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प्राधिकरण सचिव ने बताया कि मध्यस्ता प्रक्रिया से विवाद का अविलम्ब व शीघ्र समाधान, न्यायालयों के चक्कर लगाने से राहत, समय व खर्चे की बचत, विवादों का हमेशा के लिए प्रभावी एवं सर्वमान्य समाधान, समाधान में दोनों पक्षों की सहमति को महत्व दिया जाता है। यह कार्यवाही पूर्णतया गोपनीय रखी जाती है। सामाजिक सद्भाव काम करने में सहायक मध्यस्था में विवाद निपटने पूरा न्यायालय शुल्क वापिस, कोई अपील या पुर्नविचार की आवश्यकता नहीं क्योंकि विवाद का पूर्ण निपटारा हो जाता है। इसके अलावा मध्यस्थ एच के जांगड़ा ने भी विस्तार से जानकारी दी। मध्यस्ता शिविर में मध्यस्थतों, पैनल अधिवक्ता, पीएलवी, सक्षम युवा व आमजनां ने भी बढचढ़ कर हिस्सा लिया।