किसान दो-दो बार रोप चुके है धान लेकिन हो रही है खराब
वर्ष 2009 से निरंतर बनी हुई है समस्या
एस• के • मित्तल
सफीदों, उपमंडल के गांव सिंघपुरा में रताखेड़ा मोड़ के पास स्थित करीब 25 एकड़ जमीन जलमग्न हो गई है। खेतों के जल किसामग्न होने का कारण निकासी व्यवस्था का अभाव बताया जा रहा है। किसान इस मामले में कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से मिल चुके हैं लेकिन स्थिति पिछले 5 बरस से ज्यों की त्यों बनी हुई है।
इस मसले को लेकर किसानों में भारी रोष देखने को मिला।न अनिल सहरावत, बनी सिंह कश्यप, कृष्ण, ईश्वर, सुरेश, सत्यवान, रामदिया, राजवीर व श्याम रोहिल्ला ने बताया कि यह समस्या वर्ष 2009 से निरंतर बनी हुई है। गांव सिंघपुरा का सारा गंदा पानी निकासी व्यवस्था के अभाव में उनके खेतों में पहुंच रहा है। इस बार बारिश भी पहले की अपेक्षा अधिक हुई है जिससे यह समस्या ओर अधिक गंभीर हो गई है। किसानों ने बताया कि वे 2 बार जीरी की फसल लगा चुके हैं लेकिन पानी की चपेट में आकर वह खराब हो गई है। उन्होंने बताया कि गांव में पानी की निकासी का कोई प्रबंध नहीं है। गांव का पानी ड्रेन में जाने की वजाए सीधा उनके खेतों में आ रहा है, जिससे यह समस्या विकराल रूप धारण कर गई है।
हर वक्त 5-5 फूट पानी खड़ा रहने के कारण उनके खेत बर्बाद हो गए हैं और यहां तक की चारे तक का संकट पैदा हो गया है। किसानों ने बताया कि उन्होंने यहां पर खेत 55 से 60 हजार रूपए प्रति एकड़ ठेके पर लिए हुए हैं और खेती उनके लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है। अगर इन खेतों में फसल ही नहीं होगी तो वह किस प्रकार से ठेके के रूप दी हुई पूंजी अर्जित कर पाएंगे तथा कैसे अपना परिवार का पालन पोषण कर पाएंगे।
उन्होंने बताया कि वह इस समस्या को लेकर कई बार एसडीएम व बीडीपीओ से गुहार लगा चुके हैं लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है। सरकार और प्रशासन ने उन्हें उनके हालातों पर छोड़ दिया है। उन्होंने शासन और प्रशासन से मांग की है कि उन्हें तत्काल इस समस्या से निजात दिलवाई जाए तथा निकासी की व्यवस्था डे्रन में करवाई जाए ताकि वे अपने खेतों को बर्बाद होने से बचा