हरियाणा के हिसार की सेंट्रल जेल-वन में बंद गांव पुठ्ठी निवासी हवालाती जगदीश की 18 अगस्त को मौत के मामले में परिजनों ने सोमवार को भी शव लेने से इंकार कर दिया। परिजनों का साफ कहना है कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती तब तक जगदीश का दाह संस्कार नहीं करेंगे। मृतक की पत्नी अपने बच्चों सहित और ग्रामीणों ने लघु सचिवालय के गेट पर धरना लगाया हुआ है।
हवालाती जगदीश की मौत अग्रोहा मेडिकल में इलाज के दौरान बीते गुरुवार को हुई थी। जब राजेश के परिवार को मौत की सूचना दी गई तो उन्होंने आरोप लगाया था कि जेल में जगदीश के साथ मारपीट की गई है। तभी मौत हुई है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए परिजनों ने शव को लेने से इंकार कर दिया था। जिसके बाद जगदीश का शव अग्रोहा मेडिकल के शवगृह में रखा हुआ है।
पुट्ठी के धर्मपाल ने कहा कि जगदीश की मौत सामान्य नहीं हुई है। जब तक हमें न्यायिक जांच का लिखित में आश्वासन नहीं मिलता तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। वहीं जेल अधीक्षक दीपक शर्मा उनके आरोपों को निराधार व बेबुनियाद बता चुके हैं।
बता दें कि जेल-वन के सुरक्षा कर्मी बुधवार शाम को जगदीश को जेल से सिविल अस्पताल में लाए थे। सुरक्षा कर्मियों ने उसके सीने में दर्द उठना बताया था। वहां से हवालाती जगदीश को अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में भेज दिया था। वहां तीन-चार घंटे बाद उसकी मौत हो गई थी। मृतक जगदीश के भाई धर्मपाल का आरोप है कि उसके भाई जगदीश की मौत जेल के सुरक्षा कर्मियों की मारपीट के कारण हुई है।
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