सफीदों पालिका के अंतर्गत वर्ष 2016 से 2021 तक हुए 260 कार्यों की होगी जांच
एस• के• मित्तल
सफीदों, सफीदों पालिका में हुए कथित करोड़ों रूपए के घोटाले की जांच अब विभाग के 17 एक्सईन मिलकर करेंगे। इस संबंध में शहरी स्थानीय निकाय विभाग के डायरेक्टर पंचकुला ने 20 अक्तुबर को पत्र लिखकर आदेश जारी कर दिए हैं। इन आदेशों में सभी 17 एक्सईएन को सफीदों पालिका के अधीन जनवरी 2016 से जून 2021 तक हुए करीब 260 विकास कार्यों की जांच करने के लिए कहा गया है।
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आदेश में कहा गया है कि सभी अधिकारी इन कार्यों के संबंध में नगरपालिका की फाईलों की जांच करें और मौके पर कार्यों का निरीक्षण करें। सभी प्रकार की जांच और कार्यों के निरीक्षण की विस्तृत रिपोर्ट आगामी 10 नवंबर तक उन्हे सौंपे।
कौन-कौन से एक्सईएन करेंगे जांच
आदेशों के मुताबिक नगर परिषद झज्जर के एक्सईन मनजीत दहिया, म्युनिसिपल कारपोरेशन रोहतक के एक्सईएन मनदीप धनखड़, म्युनिसिपल कारपोरेशन यमुनानगर के एक्सईएन विकास धीमान, म्युनिसिपल कारपोरेशन हिसार के एक्सईएन संदीप धंूधवाल, नगर परिषदगोहाना के एक्सईएन नवीन कुमार, नगर परिषदफरीदाबाद के एक्सईएन अमित कौशिक, नगर परिषद नंूह के एक्सईएन सुमित नांदल, नगर परिषद हांसी के एक्सईएन जयवीर, नगर परिषद थानेसर के एक्सईएन सुरेंद्र सिंह, नगर परिषद टोहाना के एक्सईएन अंकित वशिष्ठ, नगर परिषद नारनौल के एक्सईएन सुंदर श्योराण, नगर परिषद पंख्चकुला के एक्सईएन अजय पंघाल, म्युनिसिपल कारपोरेशन सोनीपत के एक्सईएन निजेश कुमार, नगर परिषद चरखीदादरी के एक्सईएन प्रवीन कुमार, म्युनिसिपल कारपोरेशन करनाल की एक्सईएन मोनिका, नगर परिषद भिवानी के एक्सईएन जसवंत सिंह व म्युनिसिपल कारपारेशन पानीपत के एक्सईएन प्रदीप कल्याण अपने-अपने शैड्यूल के मुताबिक सारे मामले की जांच करेंगे।
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घोटाले की जांच को लेकर समाजसेवी रामदास प्रजापत ने किया था आमरण अनशन
सफीदों पालिका के घोटाले की जांच की मांग और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जहां समाजसेवी रामदास प्रजापत ने नगर के महाराजा अग्रसैन चौंक पर आमरण अनशन किया था। वहीं पूर्व पार्षद प्रवीन बंसल व आरटीआई कार्यकर्त्ता प्रदीप गर्ग ने भी आरटीआई से जानकारियां प्राप्त करके घोटाले की शिकायतें की थीं। तीनों शिकायतकम्र्त्ताओं का कहना था कि हरियाणा सरकार ने सफीदों को चार चांद लगाने के लिए 35 करोड़ रूपए की बड़ी विकास राशी सफीदों पालिका में भेजी थी लेकिन उसमें पालिका अधिकारियों, कर्मचारियों व ठेकदारों ने मिलीभगत करके भारी गोलमाल किया। सफीदों में जितने भी गलियों, नाले-नालियों के कार्य हुए उमें भारी धांधली हुई और सरकारी रकम की बंदरबांट हुई। शिकायतकर्त्ताओं ने सरकार से मांग की कि खानसर चौंक पर गिरे स्वागत द्वार, रामसर पार्क के मिट्टी घोटाले, रामसर पार्क के उजाडऩे, पुरानी अनाज मंडी की सौ फीसदी सहीं सड़कों को उखाड़कर दोबारा बनाने, पुरानी अनाज मंडी मे बने दो स्वागत द्वारों की बनावट, भूमिगत नाले-नालियों, सरला कन्या महाविद्यालय के सामने सड़क से 3 फुट ऊंचाई पर बने नाले की तत्काल जांच होनी चाहिए। रामदास प्रजापत का कहना है कि उन्हे जांच का आश्वासन देकर आमरण अनशन से उठाया लेकिल जांच आज तक सिरे नहीं चढ़ पाई है। 23 जुलाई 2021 को निदेशक शहरी विकास मंत्रालय पंचकुला द्वारा वरिष्ठ अधिकारी अशोक कुमार मीणा को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था लेकिन जांच अधिकारी की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इसके बावजूद 2 अगस्त 2021 को तत्कालीन नगर पालिका सचिव सौरव जैन का तबादला हेड ऑफिस पंचकुला में कर दिया गया। जबकि जब तक जांच नहीं हो जाती तब तक पालिका सचिव का तबादला नहीं किया जाना चाहिए था। उस समय तात्कालीन निकाय मंत्री अनिल विज ने 35 करोड़ रूपए के विकास कार्यों की जांच एसआईटी से करवाने की घोषणा की थी लेकिन आज तक भी एसआईटी का गठन नहीं हुआ है। सफीदों के तात्कालीन एसडीएम आईएएस डा. आनंद कुमार शर्मा ने पब्लिक हैल्थ के एसडीओ गिरीश सैनी, पीडब्ल्यूडी के एसडीओ अजय कटारिया व पंचायती राज के एसडीओ कृष्ण रोहिल्ला की तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी। उस कमेटी ने जांच करके एसडीएम को सौंप दी थी। उसके बाद यह जांच तात्कालीन एडीसी साहिल गुप्ता के पास गई। उन्होंने सफीदों में आकर दो-तीन बार मौका देखा था और श्रीराम लैब दिल्ली से विकास कार्यों के सैंपल भरवाने के आदेश दिए थे लेकिन पालिका ने लैब को पेमेंट नहीं की जिसके बाद वे सैंपल नहीं भरे गए। रामदास प्रजापत का कहना है कि काफी प्रयासों के बाद इस घोटाले की जांच की फिर से उम्मीद की किरण आई है। शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय के डायरेक्टर ने इस घोटाले की जांच के लिए 17 एक्सईएन की ड्यूटी लगाई है।