तीनो बच्चों व पत्नी की भी दिखाई फैमिली आईडी में 5-5 लाख इंकम
सरकार का सारा सिस्टम खराब है: नवीन जयहिंद
दिव्यांग विक्रम को परिवार सहित सीएम और डीसी के पास लेकर जाएंगे: नवीन जयहिंद
एस• के• मित्तल
सफीदों, वीरवार को नवीन जयहिंद गांव खेड़ा खेमावती में 100 प्रतिशत दिव्यांग विक्रम सिंह व उसके परिवार से मिलने पहुंचे जिनका फैमिली आईडी में 10 लाख रूपए इनकम दिखाकर बीपीएल राशन काट दिया गया। इसके अलावा उसके तीनों बच्चों व पत्नी की भी फैमिली आईडी में 5-5 लाख रूपए इनकम दिखाई हुई है। बता दें कि पीड़ित विक्रम सिंह ने सभी जगह धक्के खाने और निराशा हाथ लगने के बाद थक हारकर नवीन जयहिंद के पास अपनी व्यथा की वीडियों बनाकर डाली थी जिसकों देखकर नवीन जयहिंद गांव खेड़ा खेमावती स्थित उसके घर पर पहुंचे थे।
सफीदों, वीरवार को नवीन जयहिंद गांव खेड़ा खेमावती में 100 प्रतिशत दिव्यांग विक्रम सिंह व उसके परिवार से मिलने पहुंचे जिनका फैमिली आईडी में 10 लाख रूपए इनकम दिखाकर बीपीएल राशन काट दिया गया। इसके अलावा उसके तीनों बच्चों व पत्नी की भी फैमिली आईडी में 5-5 लाख रूपए इनकम दिखाई हुई है। बता दें कि पीड़ित विक्रम सिंह ने सभी जगह धक्के खाने और निराशा हाथ लगने के बाद थक हारकर नवीन जयहिंद के पास अपनी व्यथा की वीडियों बनाकर डाली थी जिसकों देखकर नवीन जयहिंद गांव खेड़ा खेमावती स्थित उसके घर पर पहुंचे थे।
पीड़ित विक्रम सिंह ने नवीन जयहिंद को बताया कि वह एक सड़क दुर्घटना में 100 प्रतिशत अपाहिज हो गया था और वह बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है। उसके पास एक छोटे से घर के अलावा कोई जमीन-जायदाद नहीं है। उसके पास पत्नी व दो लड़कियां गुंजन (8), भूमि (5) व लड़का अरूण (12) वर्ष का है। मेरी पत्नी मेहनत मजदूरी करके किसी तरह से परिवार का पालन-पोषण कर रही है। उसे कभी मजदूरी मिल जाती है तो कभी नहीं। इन सब हालातों के बावजूद भी उसकी फैमिली आईडी में मेरी इंकम 10 लाख, मेरी पत्नी व बच्चों की 5-5 लाख इंकम दिखाकर उसका बीपीएल कार्ड काट दिया गया। उस कार्ड को पुन: बनवाने के लिए वह सरकारी पोर्टल, सीएम विंडों, डीसी, एडीसी व अन्य अफसरों के पास चक्कर काट चुका है लेकिन चारों ओर से निराशा हाथ लगी है। वह पिछले 4 महीने से परेशान है लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं है।
उसने सरकार से मांग की कि उसकी फैमिली आईडी में इंकम कम करके उसका गुलाबी कार्ड बनाया जाए, ताकि वह कम से कम दो वक्त की रोटी खा सके।
विक्रम सिंह की व्यथा सुनने के बाद डा. नवीन जयहिंद ने कहा कि पीडित विक्रम सिंह ने एक वीडियों बनाकर डाली थी और उस वीडियों को देखकर उनसे रहा नहीं गया और वे गांव में उनके हालातों को देखने के लिए पहुंचे थे। इनके हालात बहुत बुरे हैं और बेचारे किसी तरह से अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। विक्रम सिंह की आमदन 10 लाख तो क्या उसके घर पर महीने भर में 10 हजार रूपए भी नहीं आते हैं। प्रदेश की मनोहर लाल सरकार और उसके अधिकारियों को शर्म आनी चाहिए। सरकार जनसंवाद कार्यक्रम के नाम पर केवल ढोंग कर रही है।
विक्रम सिंह की व्यथा सुनने के बाद डा. नवीन जयहिंद ने कहा कि पीडित विक्रम सिंह ने एक वीडियों बनाकर डाली थी और उस वीडियों को देखकर उनसे रहा नहीं गया और वे गांव में उनके हालातों को देखने के लिए पहुंचे थे। इनके हालात बहुत बुरे हैं और बेचारे किसी तरह से अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। विक्रम सिंह की आमदन 10 लाख तो क्या उसके घर पर महीने भर में 10 हजार रूपए भी नहीं आते हैं। प्रदेश की मनोहर लाल सरकार और उसके अधिकारियों को शर्म आनी चाहिए। सरकार जनसंवाद कार्यक्रम के नाम पर केवल ढोंग कर रही है।
अगर सही जनसंवाद करना है तो गांव खेड़ा खेमावती में पीड़ित विक्रम सिंह के पास आकर करें और इसकी व्यथा सुने। नवीन जयहिंद ने स्थानीय पक्ष व विपक्ष के नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यहां के नेताओं की आत्मा मर चुकी है तो उन्हे विक्रम सिंह का दुख दिखाई नहीं पड़ता। सत्ता पक्ष का काम लोगों का काम करवाना होता है और विपक्ष का काम जनता की आवाज को उठाना होता है लेकिन सफीदों क्षेत्र में दोनों ही काम नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि सबसे पहले वह प्रदेश के दिव्यांगों व बुजुर्गों की दिक्कतों को दूर करे और उसके बाद अन्य कार्यों को हाथ में ले। नवीन जयहिंद ने सरकार को अल्टीमेटम दिया कि वह या तो विक्रम सिंह की समस्या को दूर करें और उसे उचित मुआवजा दे अन्यथा वह इस परिवार को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निवास और डीसी जींद के निवास पर लेकर पहुंचेंगे।