एस• के• मित्तल
सफीदों, सफीदों क्षेत्र में कुछ लोगों द्वारा ग्रामीण महिलाओं से हैल्थ कार्ड बनाने के नाम पर कागजात लेकर उनके डिमेट अकाऊंट खोलने का मामला सामने आया है। इस संबंध में दर्जनों महिलाएं डीएसपी आशिष कुमार से मिली और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
सफीदों, सफीदों क्षेत्र में कुछ लोगों द्वारा ग्रामीण महिलाओं से हैल्थ कार्ड बनाने के नाम पर कागजात लेकर उनके डिमेट अकाऊंट खोलने का मामला सामने आया है। इस संबंध में दर्जनों महिलाएं डीएसपी आशिष कुमार से मिली और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
जागृति वंदन महिला फाऊंडेशन की प्रधान ज्योति मुआना ने बताया कि उनके फाऊंडेशन के तहत काफी तादाद में महिलाएं भारतीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जुड़ी हुई हैं। इस क्षेत्र में किसी कंपनी का नाम लेकर अनेक महिलाएं पुरूषों को साथ लेकर गांव दर गांव घूमकर सरकारी स्कीमों का हवाला देकर कागजात ले रही है। कागजात लेकर उन्हे यह कहा जा रहा है कि उनके हैल्थ कार्ड बनाए जाएंगे और वह कार्ड स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों में अस्पतालों में काम आएगा। उनके झांसे में काफी लोग आ गए और उन्होंने अपने-अपने पैन कार्ड, आधार कार्ड, फोटो व अन्य कागजात उन लोगों को थमा दिए। उन लोगों ने कुछ पैसे व कागजात लेकर ग्रामीणों को एक कार्ड पकड़ा दिया। ग्रामीण उन कार्डों को लेेकर अस्पतालों में पहुंचे तो उन्हे बताया कि सरकार की ओर से कोई हैल्थ कार्ड नहीं बनाएं जा रहे है। सरकार की ओर से तो केवल आयुष्मान व चिरायु कार्ड ही बनाए जा रहे हैं।
उसके बाद उन महिलाओं के पास मैसेज आने शुरू हो गए। जब उन्होंने इसकी तसल्ली की तो पता चला कि उनके कागजातों का गलत इस्तेमाल करके उनके शेयर मार्किट के डिमेट अकाऊंट खोल दिए गए है। गांव खेड़ा खेमावती की पूजा ने बताया कि इस कार्य में 5 से 6 महिलाएं शामिल है जो लोगों को बेवकूफ बनाकर उनसे कागजात प्राप्त कर रही हैं। कागजात लेकर महिलाओं से 50 रूपए से लेकर 700 रूपए तक लिए गए है और उनके ओटीपी साथ-साथ लेकर फर्जी मेल आईडी डालकर उनके डिमेट खाते खोल दिए गए है। इन धोखाधड़ी की चपेट में आई महिलाओं ने कहा कि उन्हे अब यह डर सता रहा है कि उनके कागजातों के आधार ये लोग कहीं कोई लोन ना ले ल, शेयर ना खरीद ले या अन्य कोई धोखाधड़ी ना कर ले। वे बेहद सामान्य व गरीब परिवारों से ताल्लुक रखती है और अगर उनके साथ ऐसी कोई घटना घट गई तो वे कहीं की भी नहीं रहेंगी।
उन्होंने प्रशासन से मांग की कि उनके फर्जी खोले गए डिमेट अकाऊंट को बंद करवाया जाए, आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज हो और सारे मामले की गहराई से जांच हो ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। वहीं ग्रामीणों से ठगी गई रकम भी वापिस दिलवाई जाए। महिलाओं की सारी व्यथा सुनकर डीएसपी आशिष कुमार ने उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है।