हेरिटेज फर्नीचर चोरी मामला: पुलिस ने कहा-रिकवरी शिकायतकर्ता के सामने हुई; वह बोला नहीं; तभी सब छूटे

चंडीगढ़ का हेरिटेज फर्नीचर चोरी कर गुप्त रुप से विदेशों में लाखों-करोड़ों में ऑक्शन में नीलाम किया जा रहा है। इस फर्नीचर चोरी के मामले में चंडीगढ़ पुलिस के कमजोर केस ने पुलिस इन्वेस्टिगेशन पर सवाल खड़े किए हैं। हाल ही चंडीगढ़ जिला अदालत ने सभी 6 आरोपियों को बरी कर दिया था। अब इस मामले में कोर्ट की जजमेंट सामने आई है। इसमें पुलिस और शिकायतकर्ता की स्टोरी अलग-अलग सामने आई है। पुलिस ने दावा किया था कि जब आरोपियों की निशानदेही पर फर्नीचर बरामद किया गया तो शिकायतकर्ता उनके साथ था। वहीं शिकायतकर्ता ने कोर्ट में कहा कि उसे सिर्फ बरामद फर्नीचर की शिनाख्त करने के लिए थाने में बुलाया गया था।

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कोर्ट ने मामले में गवाहों के बयानों में मतभेद पाए जाने पर केस साबित न होता देख सभी आरोपियों को हाल ही में बरी कर दिया था। दरअसल चंडीगढ़ पुलिस द्वारा हेरिटेज फर्नीचर चोरी मामले में जो सरकारी गवाह बनाए गए थे उनके बयान आपस में मेल नहीं खाए।

मामले में एक ओर जहां पुलिस ने कोर्ट में दावा किया था कि शिकायतकर्ता कॉलेज स्टाफ कर्मी विनोद कुमार चोरी कुर्सियों की रिकवरी के दौरान मौजूद था वहीं कोर्ट में शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने सिर्फ थाने में कुर्सियों की शिनाख्त की थी। उसे नहीं पता कि किन लोगों से यह फर्नीचर बरामद किया गया था। उसे सिर्फ थाने में फर्नीचर की पहचान करने के लिए बुलाया गया था। वहीं पुलिस ने रिकार्ड रिकवरी मेमो पर शिकायतकर्ता के दस्तखत पेश किए थे। पुलिस केस के मुताबिक शिकायतकर्ता रिकवरी के दौरान उनके साथ था

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कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता ने सिर्फ रिकवरी के पार्ट पर बयान दिए थे और क्रॉस-एग्जामिनेशन में कहा कि जब वह अपने ऑफिस आए तो उन्हें चोरी का पता चला। वहीं कहा कि वह मामले में किसी आरोपी को नहीं पहचानता। कोर्ट ने कहा कि इससे प्रतीत होता है कि शिकायतकर्ता की मौजूदगी में गुप्त रुप से ट्रैसपासिंग और चोरी की घटना नहीं हुई। वहीं मामले में कोई अन्य चश्मदीद नहीं है जिसने आरोपियों को ट्रैसपास और चोरी करते हुए देखा हो। चोरी और ट्रैसपासिंग का कोई सीधा सबूत नहीं है। ऐसे में आरोपियों पर लगाए दोनों अपराध रद्द कर दिए गए।

अटेस्टिंग विटनेस के बयान भी मैच नहीं किए

वहीं मामले में सीजर मेमो के अटेस्टिंग विटनेस कांस्टेबल अजय के बयानों का भी कोर्ट ने जजमेंट में जिक्र किया। उसने बयान दिया था कि वह अन्य पुलिसकर्मियों व आरोपी सुनील के साथ धनास गया था। वहां से 5 हेरिटज कुर्सियां बरामद की गई थी। स्पॉट पर शिकायतकर्ता विनोद ने उन कुर्सियों की शिनाख्त की थी। ऐसे में कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता और रिकवरी विटनेस के बयानों में मतभेद है। वहीं मामले में लेडी कांस्टेबल पूनम ने बयान दिए थे कि आरोपियों के खुलासे पर दोनों को सरकारी गाड़ी से उतारा गया था। आरोपी शकीला की निशानदेही पर 2 हेरिटेज कुर्सियां बरामद हुई थी।

वहीं आरोपी उषा की निशानदेही पर 3 कुर्सियां बरामद की गई थी। वहीं जब कांस्टेबल का क्रॉस-एग्जामिनेशन हुआ तो उसने कहा कि उसे नहीं पता कि किसने डिसक्लोजर स्टेटमेंट रिकार्ड की थी जो उसके मुख्य बयानों पर है। वहीं उसने कहा कि उसे नहीं पता कि क्या किसी स्वतंत्र गवाह ने उस स्टेटमेंट पर दस्तखत किए थे।

मौजूदा मामले में सेक्टर 3 थाना पुलिस ने साल 2016 में केस दर्ज किया था। ट्रेसपासिंग, चोरी, सबूत मिटाने, रिकवरी और आपराधिक साजिश रचने की धाराएं केस में लगाई थी। तत्कालीन DSP (सेंट्रल) सतीश कुमार की सुपरविजन में जांच के लिए SIT गठित की गई थी। कोर्ट ने जिन आरोपियों को बरी किया था उनमें सेक्टर 25 के सुनील कुमार (33), अनिल कुमार (25) और राजेश कुमार (32) कांसल के फकीर चंद (46) को गिरफ्तार किया था। वहीं सेक्टर 25 की सकीला और उषा उर्फ स्वीटी नामक महिला ने कोर्ट में सरेंडर किया था, यह सभी जमानत पर चल रहे थे।

आधी रात को चुराया गया था फर्नीचर

मामले में गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ आर्ट्स, सेक्टर 10 के जूनियर असिस्टेंट विनोद कुमार शिकायतकर्ता थे। उनके पुलिस बयानों के मुताबिक रात 12 से सुबह 9 बजे तक कॉलेज में अजीत सिंह नामक चौकीदार ड्यूटी पर रहता था। 18 जनवरी, 2016 को रात 11 बजे वह उस जगह पहुंचा जहां हेरिटेज फर्नीचर रखा होता था। 19 जनवरी सुबह 5.30 पर फिर वह वहां पहुंचा और पाया कि गोदाम का लॉक टूटा हुआ था। हेरिटेज फर्नीचर चैक करने पर उसने पाया कि 15 हेरिटेज सोफा चेयर्स और एक हेरिटेज वूडन टेबल गायब था। कोई इसे चुरा ले गया था।

फर्नीचर आरोपियों से बरामद करने दावा था

केस की जांच के दौरान पुलिस ने सुनील, अनिल, राजेश और फकीर चंद को गिरफ्तार किया था। पुलिस दावे के मुताबिक इनका 4 दिन का रिमांड लेकर इनसे 10 बेशकीमती हेरिटेज सोफा चेयर्स और वारदात में शामिल 2 ऑटो रिक्शा बरामद कर लिए गए थे। पुलिस के मुताबिक आरोपी कबाड़ी का काम करते थे और चोरी का सामान छिपाने में एक्सपर्ट थे। मामले में सेक्टर 25 की सकीला और उषा उर्फ स्वीटी नामक महिला ने कोर्ट में सरेंडर किया था। इनका 1 दिन का रिमांड लेकर पुलिस ने 3 टूटे ताले और चेन बरामद की थी। इसकी बरामदगी लेजर वैली, सेक्टर 10 के नाले से दिखाई गई थी। आरोपियों का 1 दिन और और रिमांड लेकर नाहन (हिमाचल प्रदेश) के जंगली इलाके से पांच और हेरिटेज सोफा चेयर बरामद करने का दावा किया गया था।

 

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