हिसार में CET को लेकर प्रदर्शन करते हुए स्टूडेंट्स।
हरियाणा में CET में क्वालिफाइंग नेचर की मांग को लेकर एक बार फिर हिसार में स्टूडेंट्स सड़कों पर उतरे। लघु सचिवालय परिसर तक स्टूडेंट्स ने प्रदर्शन करते हुए अपनी आवाज बुलंद की। नाराज स्टूडेंट्स का कहना था कि सरकार ने शुरू में 40 और 50 प्रतिशत का क्राइटेरिया रखा था, जिसे अब बदल दिया गया है। ऐसे में कई स्टूडेंट्स अगले एग्जाम में ही नहीं बैठ पाएंगे, जो गलत है। स्टूडेंट्स ने मांग करते हुए कहा कि HTET की तर्ज पर CET में क्वालिफाई का क्राइटेरिया किया जाए। अगर ऐसा नहीं होता है, तो जल्द ही बड़े आंदोलन का आगाज किया जाएगा।
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कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) को लेकर हिसार व अन्य जिलों के छात्र लघु सचिवालय पहुंचे। छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर डीसी के माध्यम से हरियाणा सरकार को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शनकारी छात्रों ने बताया कि पहले सरकार ने सीईटी को केवल पात्रता परीक्षा ही मानने की बात कही थी। इसलिए सीईटी को केवल पात्रता परीक्षा बनाया जाए। जनरल श्रेणी में 50 प्रतिशत एव आरक्षित वर्ग में 40 प्रतिशत वाले हर स्टूडेंट्स को ग्रुप सी के दूसरे पेपर में बैठने का मौका दिया जाए। जो बच्चे क्ववालीफाई एग्जाम चुके हैं उन सभी का पेपर देने का मौका दिया जाए।
हिसार में प्रदर्शन करते हुए स्टूडेंट्स।
प्रवीण ने कहा कि सीईटी को केवल पात्रता परीक्षा बनाने में अधिक स्टूडेंट्स को मौका मिलेगा। हरियाणा में होने वाली एचटेट परीक्षा भी केवल पात्रता परीक्षा है। सीईटी भी एक पात्रता परीक्षा है। अलग अलग राज्यों में पात्रता परीक्षा के आधार पर ही दूसरी परीक्षा ली जाती है। अब सरकार ने पद के हिसाब से 4 गुन उम्मीदवार ही अगली परीक्षा में बैठाने का फैसला लेने की तैयारी में है।
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संदीप ने कहा कि हमारी मांग है दूसरे फेज में जो बच्चे क्ववालीफाई कर चुके हैं, उन्हें भी एग्जाम में बैठने का मौका दिया जाए। हिसार के सागर ने कहा कि सीईटी की परीक्षा हर साल होनी चाहिए। हरियाणा सरकार की पिछले 4 साल से कोई भी भर्ती पूरी नहीं हुई। स्टूडेंट्स ने कहा कि प्रदेश के हर जिले में छात्र में इसके नियमों में बदलाव की मांग कर रहे हैं।