नहरी विभाग पूरी तरह से बेखबर
एस• के• मित्तल
सफीदों, नगर के बीचोबीच गुजर रही हांसी ब्रांच नहर में इसके आसपास स्थित कालोनियों के घरों का गंदा पानी सरेआम गिर रहा है लेेकिन नहरी विभाग इससे पूरी तरह से बेखबर है। बड़ी मात्रा में गंदा पानी जाने से नहर प्रदूषित हो रही है। बता दें कि नगर से बह रही हांसी ब्रांच नहर के उत्तरी छोर पर बड़ी लंबी सीमा तक आबादी बस चुकी है और नहर के किनारे सैंकड़ों की तादाद में मकान बने गए हैं। यह आबादी गांव रामपुरा के करीब से दूसरी ओर गैस एजेंसी गोदाम पूल तक फैल चुकी है।
सफीदों, नगर के बीचोबीच गुजर रही हांसी ब्रांच नहर में इसके आसपास स्थित कालोनियों के घरों का गंदा पानी सरेआम गिर रहा है लेेकिन नहरी विभाग इससे पूरी तरह से बेखबर है। बड़ी मात्रा में गंदा पानी जाने से नहर प्रदूषित हो रही है। बता दें कि नगर से बह रही हांसी ब्रांच नहर के उत्तरी छोर पर बड़ी लंबी सीमा तक आबादी बस चुकी है और नहर के किनारे सैंकड़ों की तादाद में मकान बने गए हैं। यह आबादी गांव रामपुरा के करीब से दूसरी ओर गैस एजेंसी गोदाम पूल तक फैल चुकी है।
इन कालोनियों में हजारों की तादाद में लोग रह रहे हैं और काफी घरों ने पशु भी रखे हुए हैं। घरों में प्रयोग होने वाला पानी व पशुओं की सारी गंदगी इस नहर में आकर गिर रही है। बता दें कि रामपुरा गांव वाली साईड में डिच डे्रन बह रही है और वह निकासी को कहीं ना कही थामे हुए है लेकिन नहर पुल से पूर्व की तरह नहर की उत्तर दिशा में निकासी का कोई उचित प्रबंध नहीं है और लोगों को निकासी का नहर के सिवाए और कोई रास्ता नहीं सूझता। कई स्थानों पर तो लोगों ने नहर की पटरी पर नालियां खोदकर घरों का पानी नहर में डाला जा रहा है। लोगों का कहना है कि एक तरफ तो सरकार नदियों को स्वच्छ करने की बात करती हैं
लेकिन दूसरी ओर सफीदों में हांसी ब्रांच नहर एक बड़ी आबादी का गंदा पानी नहर के पानी में जाकर उसे प्रदूषित कर रहा है। लोगों ने बताया कि अभी तो काफी समय से नहर में पानी चल रहा है और गंदे पानी का पता नहीं चलता क्योंकि वह साफ पानी में मिलकर बह जाता है लेकिन साल का एक लंबा समय ऐसा भी आता है जब यह नहर पूरी तरह से सूखी रहती है। सूखी नहर में यह गंदा पानी इकट्ठा हो जाता है और सडांध मारता है। इसके अलावा पशु भी इस खड़े पानी को पीते है तथा बीमार होते हैं। लोगों का कहना है कि इस समस्या को प्रशासन द्वारा प्राथमिकता पर लेना चाहिए। यहां पर कुछ इस तरह से निकासी का इंतजाम हो कि नहर की पटरी स्थित कालोनियों का गंदा पानी पहले रामपुरा गांव स्थित ट्रीटमेंट प्लांट में जाए और वहां पर वह पानी साफ होकर नहर में गिरे। इससे पानी का भी सदुपयोग होगा और नहर का पानी भी प्रदूषित नहीं होगा। इस इस बारे में जब नहरी विभाग के एसडीओ राहुल छिल्लर से बात की गई तो उन्होंने माना कि गंदा पानी सीधे नहर में गिराना गलत है। घरों के गंदे पानी का नहर में गिरने का मामला संज्ञान में आ गया है। वे इस मसले पर जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात करके निकासी की कार्ययोजना तैयार करवाकर समाधान करवाया जाएगा। यह पूछ जाने पर कि विभाग के बेलदार सुबह-शाम नहर पर गस्त करते हैं क्या उन्होंने इसके बारे में आपको नहीं बताया तो इस पर वे चुप्पी साध गए।
Follow us on Google News:-