हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बनी केवल सरकारी कमेटी: जगदीस सिंह झींडा

कहा: कमेटी के गठन को लेकर होना चाहिए जनमत संग्रह
कहा: 1 अप्रैल को अकाल तख्त पर जत्थेदार को सौपुंगा रिपोर्ट

एस• के• मित्तल 
सफीदों,       नगर के खानसर चौंक स्थित गुरुद्वारा साहिब में पत्रकारों से बातचीत में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान जगदीश सिंह झिंडा ने कहा कि जिस दिन देश की सर्वोच्च अदालत ने हरियाणा प्रदेश में अलग गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बनाने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया था,
उस दिन प्रदेश के सिख समाज में भारी खुशी थी लेकिन उनकी खुशी बहुत लंबे समय तक टिकी नहीं रह सकी क्योंकि प्रदेश की मनोहर लाल सरकार में प्रबंधन को लेकर बनाई गई अस्थाई कमेटी में केवल आरएसएस व बीजेपी के लोगों को बिना किसी चुनाव के सीधे तौर पर शामिल कर लिया और संघर्षरत्त लोगों को दरकिनार कर दिया। सरकार का यह कदम प्रदेश के सिख समाज के साथ बहुत बड़ा धोखा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि हरियाणा सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी का चुनाव अतिशीघ्र करवाएं जाएं।
इसके अलावा एक कमेटी का गठन करके वोटें बनाने व हल्काबंदी का कार्य प्रारंभ होना चाहिए। यह सारी प्रक्रिया 6 महीनों में पूरी करके प्रदेश में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का चुनाव करवाए जाएं ताकि प्रदेश के गुरुद्वारा का प्रबंधन सही हाथों में जा सके। उन्होंने यह भी मांग रखी कि इस चुनाव को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज एचएस भल्ला के नेतृत्व में जो कमेटी बनाई गई है, उसका विस्तार करते हुए उसमें तीन एडवोकेट अतिरिक्त शामिल किए जाएं ताकि इस चुनाव के कार्य में तेजी आए और वे चेयरमैन का सहयोग कर सकें। उन्होंने कहा कि हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी आज केवल सरकारी कमेटी बनकर रह गई है। इस संबंध में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, विधायक शमशेर सिंह गोगी, विधायक बीबी बत्रा व विधायक गीता भुक्कल विधानसभा में सरकार को घेर चुके हैं। जगदीश सिंह झिंडा ने हरियाणा सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के गठन को लेकर जनमत संग्रह करवाने की भी मांग की।
उन्होंने बताया कि वे प्रदेश के सिख समाज की राय लेने के लिए प्रत्येक जिले व ब्लॉक में जा रहे हैं। वे यह दौरे आगामी 31 मार्च तक जारी रखेंगे और सारी रिपोर्ट 1 अप्रैल को श्री हरमंदिर साहिब अकाल तख्त अमृतसर के जत्थेदार के समक्ष पेश करेंगे। वहां से उनका जो मार्गदर्शन प्राप्त होगा उससे सिख संगत को अवगत करवाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले तो किसानों के ऊपर तीन कृषि कानून थोपे और बाद में माफी मांगकर उन कानूनों को वापस लिया। उन्हें तो ऐसा लगता है कि हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के गलत गठन को लेकर एक दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भी माफी मांगनी पड़ेगी। उन्होंने सरकार को 31 मार्च तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और वर्तमान में गठित की गई कमेटी को तत्काल प्रभाव से भंग करके जल्द से जल्द चुनाव करवाया जाए। इस मौके पर मेहर सिंह निम्मनाबाद, देवेंद्र सिंह धर्मगढ़, जत्थेदार हरवैल सिंह, गुरनाम सिंह धर्मगढ़ व हरभजन सिंह विशेष रूप से मौजूद थे।

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