हरियाणा के 12 जिलों में पहली बार बाढ़ घोषित: सबसे ज्यादा अंबाला, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर में मचाई तबाही; कैंट और सिटी समेत 315 गांव डूबे

अंबाला में बाढ़ ने मचाई थी तबाही।

इतिहास में पहली बार हरियाणा सरकार ने 22 में से 12 जिलों में बाढ़ घोषित की है। बाढ़ ने सबसे ज्यादा अंबाला जिले में तबाही मचाई है। इनमें अंबाला, पंचकुला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, सिरसा, फतेहाबाद, कैथल, करनाल, पानीपत, सोनीपत, पलवल और फरीदाबाद शामिल हैं। सरकार द्वारा जारी पत्र के मुताबिक, इन 12 जिलों में कुल 1354 स्थानों पर बाढ़ आई है। नदियों के चारों तरफ से घीरे अंबाला में बाढ़ ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। अंबाला में 315 जगह, कुरुक्षेत्र में 298 और यमुनानगर में 221 जगहों पर बाढ़ आई है। इनके अलावा कैथल में 128, फतेहाबाद में 94 और पंचकुला में 84 जगहों पर बाढ़ ने नुकसान पहुंचाया। वहीं, करनाल में 66, फरीदाबाद में 54, पलवल में 32, सोनीपत में 25, सिरसा में 23 और पानीपत में 14 स्थान बाढ़ से प्रभावित घोषित किए गए।

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अंबाला सिटी और कैंट पूरा डूबा

सरकार ने पूरे अंबाला शहर और अंबाला कैंट नगर परिषद क्षेत्र, बराड़ा नगरपालिका क्षेत्र, मोरनी क्षेत्र के सभी 14 राजस्व क्षेत्रों को बाढ़ प्रभावित घोषित किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंबाला सिटी, नग्गल एरिया समेत सभी 129 गांव, अंबाला कैंट की 59 जगह, साहा ब्लॉक के 47, बराड़ा के 14, मुलाना की 42 जगह, नाराणगढ़ के 14 और शहजादपुर के 10 गांव बाढ़ की चपेट में आए।

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अंबाला डूबने की जानिए क्या वजह रही

घग्गर नदी के उफान पर आने के बाद पानी कई तटबंधों तो तोड़ता हुआ अंबाला सिटी में घुसा। तेज बारिश के कारण नरवाना ब्रांच और SYL में आई जलप्रलय ने ग्रामीण यानी नग्गल एरिया को अपनी चपेट में लिया। दोनों नहरों के टूटने से कई गांव जलमग्न हुए। अंबाला कैंट में टांगरी नदी के बढ़े जलस्तर ने तबाही मचाई। उधर, नारायणगढ़ में पहाड़ी एरिया से आए पानी ने एक दर्जन से अधिक गांव को अपनी चपेट में लिया। मुलाना और शहजादपुर को मारकंडा नदी ने तांडव मचाया।

अंबाला में जान-माल का सबसे ज्यादा नुकसान

अंबाला जिले में बाढ़ की तबाही ने प्रदेश के अन्य जिलों के मुकाबले जान-माल को ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। जिले में 10 से अधिक लोगों की बाढ़ के कारण मौत हुई। अनगिनत पशु पानी में बहकर चले गए। 1.50 लाख एकड़ से ज्यादा किसानों की फसल नष्ट हुई। यही नहीं, एशिया की सबसे बड़ी कपड़ा मार्केट समेत अन्य बाजारों में अरबों का नुकसान हुआ है। लोगों के मकान गिर रहे हैं।

 

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