हम अपने आदर्शों एवं मानक मूल्यों को भूलते जा रहे हैं: सत्यदेव चौबे कहा: हिंदू हित चितंक अभियान की तिथि 30 तक बढ़ी

एस• के• मित्तल      
सफीदों,        हमारी सनातन वैदिक संस्कृति आदिकाल से चली आ रही है। इस संस्कृति को अब विदेशी भी अपनाने लगे है। यह बात विश्व हिंदू परिषद के नगर उपाध्यक्ष सत्यदेव चौबे ने कही। वे विहिप के हिंदू हित चितंक अभियान के दौरान लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने दर्जनों लोगों को हिंदू हित चिंतक अभियान के साथ जोड़ा। उन्होंने कहा कि आज कह पीढ़ी इस सनातन शाश्वत को अपने से दूर करती जा रही है और इसमें छुपी वैज्ञानिकता को नहीं पहचान पा रही है।
हमारे हिंदू समाज के पतन की ओर अग्रसर होने का एकमात्र कारण यह है कि हम अपने आदर्शों एवं मानक मूल्यों को भूलते जा रहे हैं तथा हम अपने अतीत को नजरंदाज करते जा रहे हैं। इसी का परिणाम है कि विधर्मी हम पर हावी होते जा रहे है। हमारे हिंदू धर्म का दर्शन प्रसार का नही अपितु प्रचार का है। हम विश्वबंधुत्व की भावना धारण करते हैं। हिंदू धर्म हमें प्रेम एवं सौहार्द का पाठ पढ़ाता है।
हम नफरत नहीं प्रेम को अपनाते हैं। इसे विधर्मियों ने हमारी कमजोरी समझ ली। वामपंथी इतिहासकारों ने हमारे हिंदू धर्म और इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किया। अब उचित समय आ गया है, समय अनुकूल है, अब नही चेतेगे तो कभी संभल नहीं पाएंगे। हमें अपने धर्म, समाज, देश और मानवता की रक्षा के लिए आपसी भेदभाव भुलाकर एक साथ रणभेरी बजानी होगी। हिंदू समाज एक साथ है। उन्होंने बताया कि विहिप के इस अभियान की तिथि को 30 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे सभी हिंदू हित चिंतक बनकर धर्म, देश और समाज की रक्षा के लिए संकल्पित हों।

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