एस• के• मित्तल
सफीदों, राजकीय महाविद्यालय सफीदों की एनएसएस इकाई द्वारा गांव करसिंधु में चल रहे सप्त दिवसीय अहर्निश कैंप के छठे दिन दिन स्वयंसेवकों ने गांव में सामाजिक बुराईयों के खिलाफ जागरूकता रैली निकाली। रैली को बतौर मुख्यातिथि पहुंचे प्रोफेसर हरिओम ने रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एनएसएस अधिकारी डा. जयविंद्र शास्त्री व रीनू देवी ने की।
सफीदों, राजकीय महाविद्यालय सफीदों की एनएसएस इकाई द्वारा गांव करसिंधु में चल रहे सप्त दिवसीय अहर्निश कैंप के छठे दिन दिन स्वयंसेवकों ने गांव में सामाजिक बुराईयों के खिलाफ जागरूकता रैली निकाली। रैली को बतौर मुख्यातिथि पहुंचे प्रोफेसर हरिओम ने रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एनएसएस अधिकारी डा. जयविंद्र शास्त्री व रीनू देवी ने की।
स्वयंसेवकों ने गांव की गली-गली घूमकर लोगों को बुराईयों व नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया। वहीं स्वयंसेवकों ने गांव में अनेक स्थानों पर नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किए। अपने संबोधन में भूगोल के प्रोफेसर हरिओम ने स्वयंसेवकों को प्राकृतिक आपदा एवं मानवीय आपदा के बारे में समझाते हुए कहा कि ऐसी कोई भी प्राकृतिक घटना जिससे मनुष्य के जीवन या सामग्री को हानि पहुंचे प्राकृतिक आपदा कहलाती है। सदियों से प्राकृतिक आपदायें मनुष्य के अस्तित्व के लिए चुनौती रही है। जंगलो में आग, बाढ़, हिमस्खलन, भूस्खलन, भूकम्प, ज्वालामुखी, सुनामी, चक्रवाती तूफ़ान, बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदायें बार-बार मनुष्य को चेतावनी देती है।
इसी प्रकार परमाणु आपदा, रासायनिक आपदा, खान आपदा, जैविक आपदा, आतंक और साइबर, आतंकवाद, युद्ध जैसी मानव निर्मित आपदाएं हैं और इन आपदाओं का कुछ हद तक निवारण संभव है। आपदाएं अक्सर अप्रत्याशित होती हैं और पूरे समुदाय को सदमे में छोड़ सकती हैं। जो लोग आपदा में जीते हैं वे भावनात्मक संकट का अनुभव कर सकते हैं। कार्यक्रम के समापन पर एनएसएस अधिकारी डा. जयविंद्र शास्त्री व रीनू देवी ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।