विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र देरी से देने का मामला
पीड़ित ने राईट टू सर्विस कमीशन में की थी शिकायत
सफीदों (एस• के• मित्तल) : विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र देरी से देने के मामले में सेवा के अधिकार अधिनियम के तहत सफीदों पालिका को 500 रुपए जुर्माना लगाया गया है। सफीदों के वार्ड नंबर 14 निवासी मयंक ने राज्य सेवा आयोग में शिकायत देकर कहा था कि उसने 12 अक्तुबर 2023 को शादी प्रमाण पत्र बनवाने के लिए नगर पालिका सफीदों में आवेदन किया था। जिसके बाद में वह 23 अक्तुबर 2023 को नगर पालिका सफीदों में गया और संबंधित अधिकारी को प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अपनी फाइल सौंप दी। संबंधित अधिकारी ने उसकी फाइल को अच्छे से चैक करके कहा कि उसकी फाइल बिल्कुल सही है। अब उसकी फाइल एसडीएम सफीदों व उपायुक्त जींद को मंजूरी के लिए जाएगी। जब वहां से उसकी फाईल वापिस आ जाएगी, तब उसको शादी प्रमाण पत्र दे दिया जाएगा। जिसके बाद उसने नगर पालिका सफीदों के कई महिने चक्कर लगाए। उसे बार-बार यही कहा गया कि उसकी फाईल जींद से नहीं आई है। कई महिने बाद मौके पर मौजूद अधिकारी ने उससे कहा कि उसकी फाईल पर ऐतराज आया हुआ है कि उसकी व उसके परिवार की फोटो फाइल में नहीं लगी हुई है। जबकि इस बारे उसे फाईल जमा करवाते वक्त मौके पर मौजूद अधिकारी ने कोई भी जानकारी नहीं दी गई। जबकि अधिकारी को मालूम था कि शादी प्रमाण पत्र के लिए जो अपोईन्टमेंट मिलती है उसी दिन लड़का, लड़की व उनके माता पिता और ग्वाहों की फोटो होती है जिसको फाईल में लगाकर अधिकारी ने फाईल को एसडीएम व डीसी को भेजना होता है। उसके बाद उसने अपनी, माता-पिता और गवाहों को बुलाकर नगरपालिका सफीदों में पेश किया और उनके कागजात चेक करवाए, फोटो और हस्ताक्षर करवाए। उस दिन अधिकारी ने उसे फिर कहा कि उसकी फाईल ओके हो गई है। उसके काफी समय बाद जब वह सम्बंधित अधिकारी से मिला तो उसने उससे कहा कि उसकी शादी की फाइल पर पते का ऐतराज आया हुआ है। जबकि मेरे सभी कागजातों में मेरा पता एक ही है। उसके बार-बार चक्कर लगाने के बाद अधिकारी ने उसे संबंधित विभाग की मेल आईडी पर शिकायत दर्ज करवाने के लिए कहा। उसके बाद उसने विभाग की मेल आईडी पर अपनी शिकायत दर्ज करवाई। जहां से उसे 15 जुलाई 2024 को जवाब मिला कि उसकी फाईल संबंधित अधिकारी ने रोकी हुई है और फाइल में कोई कमी नहीं है। संबंधित अधिकारी व सीआरईडी में शिकायत करने बाद भी संतुष्ट जवाब नहीं मिलने के कारण उसने 30 जुलाई 2024 राइट टू सर्विस कमीशन में अपनी शिकायत दर्ज करवाई थी। राइट टू सर्विस कमीशन ने उसकी शिकायत पर संज्ञान लेने पर उसे 27 अगस्त 2024 को उपायुक्त जींद कार्यालय से दूरभाष के माध्यम से संदेश प्राप्त हुआ। जिस पर उसने उन्हे अपनी पूरी स्थिति से अवगत करवाया और उसे करीब 10 महीने के बाद शादी प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आयुक्त राइट टू सर्विस कमीशन ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए 13 जनवरी 2025 को उपायुक्त जींद को यह फाइल विस्तृत जांच के लिए वापिस भेज दी। जिस पर उपायुक्त जींद ने विस्तृत जांच के उपरांत इस मामले में नगरपालिका सफीदों को दोषी पाया और उसे 500 रुपए का जुर्माना लगाया।
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