जांच करवाने के लिए निजी अस्पताल पहुंच रहे मरीज
हेपेटाइटिस रोग की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के इंतजाम कम पड़ गए हैं। सिविल अस्पताल में एचवीसी टेस्ट के लिए प्रयुक्त होने वाला केमिकल खत्म हो गया है। साथ ही इंजेक्शन भी है। ऐसे में पिछले कई दिन से मरीज परेशान हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को पीजीआई भेजा जा रहा है, जबकि इंजेक्शन के लिए अभी इंतजार करने के लिए कह दिया जाता है। मरीजों में हेपेटाइटिस बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर उसी एचसीवी टेस्ट लिखते हैं, लेकिन सिविल अस्पताल में एचवीसी टेस्ट के लिए प्रयुक्त रिएजेंट नामक केमिकल खत्म है।
इसलिए जांच के लिए मरीजों को पीजीआई में भेजा जा रहा है। इससे ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ऐसे में पीजीआई में इस बीमारी के मरीज की भीड़ बढ़ गई है। यह स्थिति पिछले 4 दिन से बनी है। इस बीमारी के रोजाना 40 से 50 मरीज टेस्ट के लिए पहुंच रहे हैं, जबकि एचसीवी टेस्ट के बिना हेपेटाइटिस के संक्रमण का पता नहीं लग सकता है। इसके अलावा, वैक्सीन खत्म है। यह वैक्सीन हेपेटाइटिस की रोकथाम करती है। अधिक जरूरत वाले मरीज निजी अस्पताल में जाकर जांच करवा रहे हैं। जिले में प्रतिमाह हेपेटाइटिस के 500 से अधिक सामने आते हैं।
फिलहाल, सिविल ड्रग्स का इंजेक्शन लेने के आदी हो गए हों। . एचआईवी पॉजिटिव हो गए हों। . संक्रमित व्यक्ति के रक्त के संपर्क में आ गए हों। . जिगर की बीमारी से पीड़ित हो गए हों।. गर्भवती महिलाओं का टेस्ट।
^एचसीवी टेस्ट फिलहाल प्रभावित हैं। विभाग से डिमांड भेजी गई है। सोमवार तक एचसीवी टेस्ट होने शुरू हो जाएंगे। – डॉ. पुष्पेंद्र, चिकित्सा अधीक्षक, सिविल अस्पताल।