पंजाब और हरियाणा विधानसभा में चंडीगढ़ पर प्रस्ताव पास होने के बाद मेयर सरबजीत कौर ने गुरुवार को नगर निगम सदन की विशेष बैठक बुलाई। इसमें चंडीगढ़ को पूर्ण केंद्र शासित प्रदेश, विधानसभा बनाने और पंजाब-हरियाणा को नई राजधानी देने का प्रस्ताव लाया गया है। इसे लेकर आम आदमी पार्टी ने विरोध जताया।
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नगर निगम में बीजेपी की ओर चंडीगढ़ को यूटी बनाए रखने का प्रस्ताव लाया गया, लेकिन आम आदमी पार्टी ने इस पर ज़ोरदार हंगामा शुरू कर दिया। बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पार्षदों के बीच हाथापाई की नौबत तक आ गई। आम आदमी पार्टी के पार्षद दमनप्रीत और बीजेपी पार्षद जस मनप्रीत के बीच तीखी नोकझोंक हुई और बात हाथापाई तक पहुंची तो बीजेपी के कुछ पार्षदों ने मामले को शांत करवाने की कोशिश की।
भाजपा पार्षद हरप्रीत कौर बबला की और से पंजाब के सीएम भगवंत मान का नाम लेकर कहा कि वो चंडीगढ़ को छीनना चाहते है। इस पर आप की पार्षद प्रेम लता ने ऐतराज़ जताया। इसके बाद सदन में जोरदार हंगामा शुरू हो गया। सभी भाजपा पार्षदों ने हाथों में पोस्टर पकड़े हुए नजर आए। पोस्टर में लिखा था कि चंडीगढ़ न पंजाब का न भगवंत मान का है…चंडीगढ़ सिर्फ चंडीगढ़ वालो का है। चंडीगढ़ केजरीवाल का नही ये यूटी है और यूटी ही रहेगा।
इस दौरान मेयर सरबजीत कौर बार बार कहती हुई सुनाई दी कि जिस मुद्दे पर ये इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है पहले उसपर बहस हो, लेकिन सदन में हंगामा होता रहा। बीजेपी चंडीगढ़ के एजेंडे पर बात करना चाहती है। वहीं, आप पानी के बढ़े दामों पर मेयर से बयान देने पर अड़ी हुई है। वहीं कांग्रेस पहले महंगाई के विरोध में नगर निगम के बाहर धरने पर बैठी थी। बाद में कांग्रेस पार्षद सदन में आ गए।