एस• के• मित्तल
सफीदों, सनातन धर्म प्रचार महासभा के प्रांत प्रचारक गोपाल कौशिक ने बताया कि महासभा के तत्वावधान में 3 मई को पूरे भारतवर्ष में भगवान परशुराम जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर राष्ट्रीय, प्रांत, जिला व खंड स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
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अपने संबोधन में गोपाल कौशिक ने कहा कि परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं। भगवान परशुराम ने 21 बार पृथ्वी को जीतकर सनातन धर्म को दान में दी है। उन्होंने ऐसे महाराजाओं को मृत्यु के घाट उतारा है जो धर्म के खिलाफ थे। आज भी भगवान परशुराम अजर व अमर है। उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम भारत की ऋषि परम्परा के महान वाहक थे। उनका शस्त्र और शास्त्र दोनों पर समान अधिकार था। उनका प्रभाव त्रेता युग से शुरू होकर द्वापर तक जाता है। उनका जीवन एक आदर्श पुरूष का जीवन था। पितामह भृगु ने उनका नाम अनन्तर राम रखा जो शिव द्वारा दिए गए अस्त्र परशु को धारण करने की वजह से परशुराम हो गया।
भगवान शिव से उन्हें त्रैलोक्य विजय कवच, स्तवराज स्रोत और कल्पतरू मंत्र भी प्राप्त हुआ। भगवान परशुराम का उल्लेख दोनों महान भारतीय महाकाव्यों रामायण और गीता में मिलता है। भगवान परशुराम की पूजा पूरे भारत में होती है।