सड़क परिवहन मंत्री ने अमृतसर-जामनगर ग्रीन फील्‍ड कॉरिडोर की डेडलाइन की तय, इस समय तक हो जाएगा तैयार

नई दिल्‍ली. अमृतसर-जामनगर ग्रीन फील्‍ड कॉरिडोर (Amritsar Jamnagar Green Field Corridor) के निर्माण की डेडलाइन तय कर दी गई है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री (Road Transport and Highways Minister) ने नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने अगले सात सितंबर तक इस कॉरिडोर का निर्माण पूरा करने का लक्ष्‍य रखा है. कॉरिडोर के निर्माण से सबसे ज्‍यादा फायदा पंजाब, हरियाणा, राजस्‍थान और गुजरात से आने जाने वाले वाहनों को होगा. इस कॉरिडोर के बनने के बाद समय और रुपये दोनों की बचत होगी. इसके अलावा इस कॉरिडोर से जामनगर और कांडला बंदरगाह के लिए कनेक्‍टीविटी बेहतर हो जाएगी.

केन्‍द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार अमृतसर-जामनगर ग्रीनफील्ड कॉरिडोर एनएचएआई (NHAI) द्वारा विकसित किए जा रहे सबसे महत्वपूर्ण ग्रीनफील्ड कॉरिडोर में से एक है और इसका निर्माण पूरी क्षमता से किया जा रहा है. इसलिए पूरा कॉरिडोर सितम्‍बर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है. यह कॉरिडोर का निर्माण जैसे-जैसे पूरा होता जएगा, उतना खंड खोल दिया जाएगा. बीकानेर से जोधपुर तक 277 किलोमीटर के खंड को इस वर्ष के अंत तक पूरा कर जनता के लिए खोल दिया जाएगा, जिससे यहां के आसपास के लोगों का आवागमन आसान हो जाएगा.

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1,224 किलोमीटर लंबा है कॉरिडोर

अमृतसर-भटिंडा-जामनगर कॉरिडोर 26,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है, जो 1,224 किलोमीटर लंबा होगा. यह चार राज्‍यों- पंजाब, हरियाणा, राजस्‍थान और गुजरात के अमृतसर, बठिंडा, संगरिया, बीकानेर, सांचौर, समाखियाली और जामनगर जैसे आर्थिक शहरों को जोड़ेगा. इन राज्‍यों के वाहनों को सबसे अधिक लाभ होगा.

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उत्‍तर और पचिम बंदरगाहों को भी जोड़ेगा

कॉरिडोर न केवल शहरों को बेहतर कनेक्‍टीविटी देगा, बल्कि बंदरगाहों को भी आपस में जोड़ेगा. देश के उत्तरी औद्योगिक और कृषि केन्‍द्रों को पश्चिमी भारत के प्रमुख बंदरगाहों जैसे जामनगर और कांडला से जोड़ेगा. इस तरह आयात किया हुआ माल आसानी से देश के किसी भी हिस्‍से में भेजा जा सकेगा.

दिल्‍ली से कटरा जाने वालों को भी राहत

इससे बद्दी, बठिंडा और लुधियाना के औद्योगिक क्षेत्रों के मुख्‍य मार्ग से निकले हुए रास्‍तों और दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे के जम्मू और कश्मीर राज्यों के लिए कनेक्‍टीविटी बेहतर हो जाएगी. ट्रांस-राजस्थान कॉरिडोर समय और ईंधन की लागत को काफी कम कर देगा,

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