सफीदों (एस• के• मित्तल) : सत्संग से मनुष्य का जीवन संवरता है। उक्त उद्गार संत सुखदेवानंद महाराज ने प्रकट किए। वे सफीदों शहर स्थित कुटिया शांत सरोवर में आयोजित वार्षिकोत्सव में श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। संत सुखदेवानंद महाराज ने कहा कि अगर परमात्मा को पाना है तो हमें सत्संग में जाना होगा। भगवान की प्राप्ति व भक्ति से जुड़ने का सबसे सरल माध्यम सत्संग ही है। भगवान के नाम का सिमरन ही हमारे जीवन को इस भवसागर से पार लगा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि मनुष्य सच्चे गुरु की शरण लें। सच्चा गुरु वही है जो अपने शिष्य को सद्मार्ग पर चलाकर भगवान को पाने का रास्ता दिखाता है। उन्होंने कहा कि केवल एक सच्चा आध्यात्मिक गुरु वह है जो अज्ञानता, तनाव और सांसारिक दुखों के अंधेरे को समाप्त करके हमारी उपासना के मार्ग को प्रबुद्ध करता है और हमें मृत्यु और जन्म से मुक्त करता है। पूर्ण गुरु के वचन की शक्ति से भक्ति होती है, पूर्ण गुरु से दीक्षा लेकर भक्ति करना लाभदायक है और बिना गुरु के भक्ति करने से कोई लाभ नहीं होता। शास्त्रों में भी कहा गया है कि गुरु बिना भक्ति करने का प्रयत्न व्यर्थ रहेगा। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अच्छी संगत में रहना चाहिए। कईं बार कुसंगति में पड़कर लोग अपनी मंजिल से भटक जाते हैं। इस मौके पर डा. रामचंद्र माटा, डा. ताराचंद भाटिया, डा. राजिंद्र भाटिया, सक्षम भाटिया, सरोज भाटिया, सुभाष भाटिया, इंद्र भाटिया व हन्नी माटा सहित काफी तादाद में श्रद्धालुगण मौजूद थे।
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