संत निरंकारी मिशन का सामाजिक सरोकार में हमेशा रहता अहम योगदान: डॉ० राजन चिल्लाना

रक्तदान करने से होती बनती है सामाजिक समरसता: डॉ० अनुराधा सैनी
मानव जीवन बचाने के लिए ऑक्सीजन की तरह रक्त का भी अपना महत्व: डॉ० राजेश भोला

एस• के• मित्तल   
जींद,          संत निरंकारी सत्संग भवन में रविवार को रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। संत निरंकारी मिशन का सामाजिक विभाग के संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन की तरफ से लगाए गए शिविर में 140 निरंकारी श्रद्धालु भक्त एवं सेवादारों ने रक्तदान किया। शिविर का शुभारंभ जींद के विधायक डॉ कृष्णलाल मिढा के बतौर प्रतिनिधि पंहुचे डॉ० राजन चिल्लाना ने किया। उन्होंने रक्तदान शिविर में सम्मिलित होने वाले रक्तदाताओं को प्रोत्साहित किया और जनकल्याण के लिए की गई उनकी सेवा की प्रशंसा की।
रक्तदान शिविर में नगर परिषद की चेयरपर्सन अनुराधा सैनी व उप सिविल सर्जन डॉ० राजेश भोला ने भी शिकरत की। रक्तदान शिविर में पंहुचे राजन चिल्लाना ने कहा कि संत निरंकारी मिशन का सामाजिक सरोकार में अहम योगदान है। यह संस्था समय-समय पर ऐसे सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन कराती रहती है। उन्होंने आमजन के साथ-साथ खासकर युवाओं से आहवान किया कि रक्तदान शिविरों में बढ़-चढकऱ भाग लेना चाहिए और समाज सेवा में अपना भरपूर योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वस्थ लोगों द्वारा किए गए रक्तदान का उपयोग जरूरतमंद लोगों को खून चढ़ाने के लिए किया जाता है। अनेक कारणों से जैसे उन्नत सर्जरी के बढ़ते मामलों तथा फैलती जा रही बीमारियों आदि से खून चढ़ाने की जरूरत में पहले से कई गुना वृद्वि हुई है, इसीलिए हमें अवश्य ही रक्तदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि रक्तदान महादान होता है। सभी लोग रक्तदान के महत्व को समझें और अन्य लोगों को भी जागरूक करें। इस अवसर पर रक्तदाताओं को बैज लगाकर उनका हौसलां बढाया।
संत निरंकारी भवन में लगाए गए रक्तदान शिविर में पंहुची नगर परिषद की चेयरपर्सन अनुराधा सैनी ने कहा कि रक्तदान करने से जाति, धर्म का भेदभाव खत्म होता है। जब हमें रक्त की जरूरत होती है तो उस वक्त हमें रक्तदान करना याद आता है। उन्होंने कहा कि रक्तदान करना हर एक स्वस्थ्य नागरिक का नैतिक व राष्ट्रीय दायित्व है। रक्तदान से शरीर में किसी प्रकार की कमजोरी नहीं आती। रक्त दूर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों के साथ-साथ गर्भवति महिलाओं व थैलेसीमिया व ब्लड कैंसर से पीडि़त रोगियों के उपचार में काम आता है। उन्होंने सभी रक्तदाताओं का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि रक्तदान महादान है। जरूरतमंदों के जीवन की रक्षा के लिए रक्तदान का बहुत बड़ा महत्व है। इसलिए सभी को रक्तदान करने के लिए आगे आना चाहिए।
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ० राजेश भोला ने कहा कि मानव जीवन में रक्तदान की बहुत महत्वता है। हम सभी स्वस्थ व्यक्तियों को समय-समय पर रक्तदान करना चाहिए ताकि रक्त की वजह से हम किसी की जिंदगी बचा सकें। उन्होंने कहा कि स्वेच्छा से किया गया रक्तदान सबसे महान पुण्य का कार्य है। उन्होंने कहा कि किसी का जीवन बचाने के लिए ऑक्सीजन की तरह रक्त का भी अपना महत्व है। उन्होंने कहा कि रक्तदाओं को स्वयं पर गर्व होना चाहिए कि उनके द्वारा दान किया गया रक्त किसी व्यक्ति को नई जिंदगी देने में काम आएगा। रक्तदान शिविर के लिए किये गए प्रबंधों को लेकर डॉ० भोला ने संत निरंकारी मिशन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह कोई धर्म या संप्रदाय मिशन नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक विचारधारा है। पहले भगवान को जानो, मानो तभी भगवान की भक्ति हो पाएगी। ज्ञान की भक्ति से निराकार प्रभु परमात्मा एवं सदगुरु के प्रति समर्पण की भावना जीवन में उजागर होगी। वास्तव में निराकार परमात्मा को जानना ही मानव जीवन का मूल उद्देश्य है।
संत निरंकारी मिशन जींद ब्रांच संयोजक मोहनलाल व क्षेत्रीय संचालक सतीश शर्मा ने रक्तदान शिविर में उपस्थित सभी गण्यमान्य अतिथियों सहित खानपुर पीजीआई से आए डॉक्टर एवं उनकी टीम का आभार व्यक्त किया। मोहनलाल ने बताया कि मिशन की तरफ से प्रथम रक्तदान शिविर का आयोजन दिल्ली में वर्ष 1986 के नवंबर माह में वार्षिक निरंकारी संत समागम के अवसर पर किया गया था। बाबा हरदेव सिंह जी ने स्वयं रक्तदान करके इस शिविर का उद्घाटन किया और यह मुहिम मिशन के अनुयायियों की तरफ से पिछले 36 वर्षों से चलाई जा रही है। इसमें अभी तक 6 हजार 991 रक्तदान शिविरों से 11 लाख 58 हजार 760 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया है।
संत निरंकारी मिशन की तरफ से जनहित की भलाई के लिए समय-समय पर विश्वभर में अनेक सेवाएं की जा रही हैं जिससे समाज का समुचित विकास हो सके। इसमें स्वच्छता अभियान, पौधरोपण, नि:शुल्क चिकित्सा परामर्श केंद्र, नि:शुल्क नेत्र शिविर, प्राकृतिक आपदाओं में जरूरतमंदों की सहायता, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाओं को भी सुचारु रूप से चलाया जा रहा है। निरंकारी मिशन के प्रेस प्रवक्ता श्री राम प्रकाश गिरधर ने बताया कि रक्तदान के बाद सत्संग का आयोजन भी किया गया ।

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