श्रीमद् भागवत जन्म-मरण से मुक्ति दिला सकती है: वेदप्रकाश पराशर

श्री सतनारायण मंदिर में शुरू हुई श्रीमद् भागवत कथा

एस• के• मित्तल
सफीदों,    नगर की पुरानी अनाज मंडी स्थित श्री सतनारायण मंदिर में शुक्रवार को श्रभ्ीमद् भागवत कथा शुभारंभ हुआ। कथा के शुभारंभ पर महिलाओं ने भव्य कलश यात्रा निकाली। यह यात्रा मंदिर प्रांगण से शुरू होकर अनेक स्थानों पर भ्रमण करके प्रारंभ स्थल पर आकर संपन्न हो गई। इस कलश यात्रा में कथावाचक वेदप्रकाश पराशर व मंदिर के पुजारी आचार्य रमेश शास्त्री आगे-आगे चल रहे थे। श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए वेदप्रकाश पराशर ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा सभी ग्रन्थों का सार है तथा इसमें अनेक रहस्य छिपे हुए हैं। भागवत सुनने वालों का भगवान हमेशा कल्याण करते हैं। भागवत में कहा गया है कि भगवान को प्रिय हो वही करो, हमेशा भगवान से मिलने का उद्देश्य बना लो व जो प्रभु का मार्ग हो उसे अपना लो। इस संसार में जन्म-मरण से मुक्ति भागवत ही दिला सकती है। भगवान की कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बताती है।
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मनुष्य को भागवत कथा के प्रत्येक प्रसंग के महत्व को समझकर उस पर चिंतन-मनन करते हुए जीवन में धारण करना चाहिए। कलियुग में भागवत कथा कराने एवं सुनने का बहुत बड़ा महत्व है। जब-जब धरा पर अत्याचार, दुराचार, पापाचार बढ़ता है, तब-तब प्रभु का अवतार होता है। प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। उन्होंने कहा कि जीवन में भागवत कथा सुनने का सौभाग्य मिलना बड़ा दुर्लभ है। जब भी हमें यह सुअवसर मिले, इसका सदुपयोग करना चाहिए। कथा का सुनना तभी सार्थक होगा, जब उसके बताए मार्ग पर चलकर परमार्थ का काम करेंगे।
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