श्रावण में भगवान शिव की पूजा व उपासना विशेष फलदायी: महेश शास्त्री श्री सत्यनारायण मंदिर में करवाया गया भगवान शंकर का रूद्राभिषेक

एस• के• मित्तल 
सफीदों,        नगर की पुरानी अनाज मंडी स्थित श्री सत्यनारायण मंदिर में श्रावण मास के उपलक्ष्य में शिव पूजा का आयोजन किया गया। पूजा-अर्चना में पंडित महेश शास्त्री का सानिध्य प्राप्त हुआ। इस पूजा-अर्चना में श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। पंडित महेश शास्त्री ने वैदिक मंत्रोचारण के बीच पूरे विधिविधान से भगवान शंकर का रूद्राभिषेक व पूजा-अर्चना करवाई।
अपने संबोधन में पंडित महेश शास्त्री ने कहा कि श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा, आराधना व उपासना विशेष फलदायी होती है। श्रावण मास भगवान शंकर को विशेष प्रिय है। भोलेनाथ ने स्वयं कहा है कि माहों में श्रावण माह मुझे अत्यंत प्रिय है। इस मास में श्रवण नक्षत्र युक्त पूर्णिमा होती है, इस कारण भी इसे श्रावण कहा जाता है। श्रावण मास में अकालमृत्यु दूर कर दीर्घायु की प्राप्ति के लिए व सभी व्याधियों को दूर करने के लिए विशेष पूजा की जाती है।
इस माह में मिलने वाली असीम शक्तियों के सामने मृत्यु के देवता यमराज भी नतमस्तक हो जाते हैं। भगवान शिव का सावन माह मानने के पीछे एक पौराणिक कथा है कि देवी सती ने अपने पिता दक्ष के घर में योगशक्ति से अपने शरीर का त्याग कर दिया था। अपने शरीर का त्याग करने से पूर्व देवी ने महादेव को हर जन्म में पति के रुप में पाने का प्रण किया था। पूजा-अर्चना का समापन भगवान की मंगल आरती के साथ किया गया और श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।

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