जींद के विधायक डॉ कृष्ण मिढा व उपायुक्त डॉ मनोज कुमार रहे मौजूद
सहकारी चीनी मिलों के विकास में किसानों का अहम योगदान
हरियाणा सरकार गन्ने का भाव देने में देश में सबसे अव्वल : चेयरमैन शुगर फैडरेशन
एस• के• मित्तल
जींद, जीन्द सहकारी चीनी मिल का 38 वां गन्ना पिराई सत्र वीरवार से शरू हो गया है। रादौर के विधायक एवं हरियाणा शुगर फैडरेशन के चेयरमैन रामकरण काला ने बटन दबाकर पिराई सत्र का विधिवत रूप से शुभारंभ किया। हरियाणा शुगर फैडरेशन के चेयरमैन रामकरण काला ने गन्न उत्पादक किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार देश में सर्वाधिक गन्ने के भाव दे रही है।
जींद, जीन्द सहकारी चीनी मिल का 38 वां गन्ना पिराई सत्र वीरवार से शरू हो गया है। रादौर के विधायक एवं हरियाणा शुगर फैडरेशन के चेयरमैन रामकरण काला ने बटन दबाकर पिराई सत्र का विधिवत रूप से शुभारंभ किया। हरियाणा शुगर फैडरेशन के चेयरमैन रामकरण काला ने गन्न उत्पादक किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार देश में सर्वाधिक गन्ने के भाव दे रही है।
मुख्यमंत्री मनोहरलाल द्वारा 340 रूपये प्रति क्विंटल के भाव को बढाकर 350 कर दिया है। इससे किसानों को काफी फायदा पंहुचेगा। किसानों को गन्ना उगाने व इसकी मिलों में बिक्री करने में कोई परेशानी नही आने दी जाएगी। सहकारी चीनी मिलो के विकास में गन्ना उत्पादक किसानों का हमेशा अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि सहकारी चीनी मिलो में गन्ना लेकर आने वाले किसानों को कोई परेशानी न हो,इसके लिए यहां आवश्यक प्रबंध किये गए है। उन्होंने चीनी मिल के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि किसानों को गन्ना बिक्री की राशि की अदायगी अविलम्ब करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि गन्ना उत्पादन के प्रति किसानों का रूझान बढ रहा है। निश्चित रूप से गन्ने के रकबे में बढौतरी लगातार हो रही है। आवश्यकता पड़ी तो चीनी मिलों की पिराई क्षमता को बढाने का काम किया जाएगा। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री ने मिल में सबसे पहले गन्ने से लदी ट्रॉली लेकर पंहुचने वाले गन्ना उत्पादक किसान जितेन्द्र, नरेश, कुलदीप, राजबीर, हरिओम, संदीप, सुनील, खेल सिंह, हरदीप, रायसिंह तथा सुरेन्द्र को चादर भेंटकर सम्मानित किया । उन्होंने हवन यज्ञ करने वाले लिजे राम तथा राजेश शास्त्री को भी सम्मानित किया।
इनके अलावा फेडरेशन चेयरमैन ने चीनी मिल के विकास में योगदान देने वाले बोर्ड ऑफ निदेशक दीपक गोयत, रोहतास ढांडा, ओमप्रकाश ढांडा, विक्की ढिगाना, सतीष नैन, गम्भीर सिंह, फूलकुमार तथा इन्द्रापति को भी सम्मानित किया।
चीनी मिल्ज के शुभारंभ के अवसर पर बोलते हुए जींद के विधायक डॉ कृष्ण लाल मिढा ने कहा कि किसानों को नवीनतम तकनीक अपनाकर गन्ना उत्पादन करना चाहिए और हरियाणा सरकार द्वारा लागू की गई सभी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा देश के हर नागरिक को आत्म निर्भर बनाने के लिए सकारात्मक कदम उठाए जा रहे है।
चीनी मिल्ज के शुभारंभ के अवसर पर बोलते हुए जींद के विधायक डॉ कृष्ण लाल मिढा ने कहा कि किसानों को नवीनतम तकनीक अपनाकर गन्ना उत्पादन करना चाहिए और हरियाणा सरकार द्वारा लागू की गई सभी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा देश के हर नागरिक को आत्म निर्भर बनाने के लिए सकारात्मक कदम उठाए जा रहे है।
उन्होंने कहा कि मेरे पिताजी स्व० हरिचंद मिढा ने भी और मैने भी जींद शुगर मिल्ज में क्षमता बढाने के लिए काम किया। इसके लिए हम लगातार मुख्यमंत्री जी से मिलते रहे है। जिससे यह कार्ययोजना सिरे चढ सकी। उन्होंने कहा कि किसानों व स्टाफ का भरपूर सहयोग इस चीनी मिल्ज को मिलता रहा है। उपायुक्त एवं जींद शुगर मिल्ज के चेयरमैन डॉ मनोज कुमार ने इस अवसर पर किसानों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कहा कि जींद का शुगर मिल्ज 38 साल से कार्य कर रहा है। इसने राष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड प्राप्त किये है।
उन्होंने कहा कि पिछले पिराई सीजन में 27.74 लाख गन्ने की पिराई कर 9.76 प्रतिशत रिकवरी से 2 लाख 70 हजार 722 किलो चीनी बनाई थी। अबकी बार गन्ने से चीनी रिकवरी का लक्ष्य 10 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। इस मिल्ज से लगभग 2600 गन्न किसान जुडे हुए है। गन्न विकास योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली सुविधाओं पर 3 करोड़ रूपए से ज्यादा की राशि खर्च करने का प्रावधान है।
उन्होंने बताया कि इस मिल्ज में लगभग साढे 6 करोड रुपये की लागत से प्रथम चरण का विस्तार पूरा हो चुका है तथा दूसरा विस्तार करने के सन्दर्भ में कार्यवाही जारी है। आगामी पिराई सीजन में मिल्ज की क्षमता 1700 टीसीडी से बढाकर 2200 टीसीडी की जानी है।
इस अवसर पर चीनी मिल्ज जींद के प्रबंध निदेशक प्रवीण कुमार ने सभी अतिथि गणों का स्वागत किया और चीनी मिल्ज के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर जिला प्रशासन के कई विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारियों के अलावा सहकारी चीनी मिल्ज से जुडे किसान मौजूद रहे।