हरियाणा में झज्जर जिले के गांव पाटोदा में ग्रामीणों ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि गांव शामलात जमीन ग्रामीणों की है और वह किसी भी कीमत पर अपनी जमीन को नहीं छोड़ेंगे। इसके लिए उन्हें चाहे कुछ भी करना पड़े।
गांव पाटोदा के ग्रामीण गुरुवार को बस स्टैंड पर एकत्रित हुए और सरकार विरोधी नारे लगाए। ग्रामीणों के अनुसार गांव शामलात जमीन वह जमीन है, जिसकी पहले ग्रामीणों के नाम रजिस्ट्री हो चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि देश आजाद होने से पहले भी वह जमीन उनके नाम थी और उनके पूर्वजों के नाम थी जिस पर वह खेती बाड़ी का काम भी करते हैं। ग्रामीणों ने सरकार को चेतावनी दी कि जमीन उनके नाम नहीं रही तो वह सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो जाएंगे जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
पाटोदा गांव में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ग्रामीण।
आपको बता दें कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ जब सरकार में कृषि मंत्री थे तो उन्होंने पाटोदा गांव को गोद लिया था और गांव की सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर ली थी। वहीं अब ग्रामीणों ने कहा कि गांव में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है। विधानसभा में भी गांव श्यामलात जमीन को लेकर विधायकों द्वारा आवाज उठाई जा चुकी है। बादली के विधायक कुलदीप वत्स ने विधानसभा में गांव श्यामलाल की जमीन का मामला उठाया था और कहा था कि सरकार इस मामले में गौर करके गरीब किसानों को उनकी जमीन उनके नाम ही रहने दे इस मामले को लेकर ग्रामीणों में काफी रोष है।