एस• के• मित्तल
सफीदों, राष्ट्रीय आर्य निर्मात्री सभा के तत्वाधान में नगर के खानसर चौंक स्थित गीता विद्या मंदिर में महिलाओं के लिए दो दिवसीय लघु गुरुकुल का शुभारंभ हो गया। लघु गुरुकुल का प्रारम्भ वैदिक यज्ञ से किया गया। वैदिक मंत्रोचारण के बीच महिलाओं व युवतियों ने आहुतियां डाली और समाज की सुख-समृद्धि की कामना की।
सफीदों, राष्ट्रीय आर्य निर्मात्री सभा के तत्वाधान में नगर के खानसर चौंक स्थित गीता विद्या मंदिर में महिलाओं के लिए दो दिवसीय लघु गुरुकुल का शुभारंभ हो गया। लघु गुरुकुल का प्रारम्भ वैदिक यज्ञ से किया गया। वैदिक मंत्रोचारण के बीच महिलाओं व युवतियों ने आहुतियां डाली और समाज की सुख-समृद्धि की कामना की।
प्रथम दिन बतौर वक्ता भिवानी से आचार्या डा.सुमन ने शिरकत की। अपने संबोधन में डा. सुमन ने कहा कि यदि हम प्रत्येक कार्य बुद्धिमता से विचार करके करते है तो हमें अपने कार्यों में सफलता मिलती है। बिना विद्या के नारी सुख प्राप्त नहीं कर सकती, क्योंकि सब सुखों का आधार ही विद्या है। उन्होंने धर्म का सही अर्थ बताते हुए कहा वेद की आज्ञा पालन ही वास्तव में धर्म कहलाता है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आर्य निर्मात्री सभा के इस प्रकार से सत्र लगभग पूरे भारत में समय-समय पर आयोजित किए जाते हैं। इन सत्रों में प्रेरणा पाकर हजारों युवतियां राष्ट्र निर्माण के मार्ग में बढ़ रही है। इस मौके पर रानी आर्या बुढ़ाखेड़ा, सुनीता आर्या, ममता आर्या भिवानी, सुदेश आर्या दादरी, रेखा आर्या, राजेश आर्या जामनी, आचार्या चांद कौर चंडीगढ़ व ज्योति आर्या विशेष रूप से मौजूद थीं।