एस• के• मित्तल
जींद, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से प्राप्त निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जरूरतमंद गवाह (वलनरेवल गवाह) विषय पर प्रशिक्षण व जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में प्राधिकरण सचिव ने पैनल अधिवक्ताओं,सक्षम युवाओं व आमजन को जरूरतमंद गवाहों को लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी दिशा-निर्देश व हिदायतों की जानकारी दी। प्राधिकरण सचिव एवं मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी सुश्री रेखा ने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट से प्राप्त आदेश अनुसार जरूरतमंद गवाह के अर्थ का विस्तार किया गया है। जिसमें ऐसे व्यक्ति जिनकों सुनने व बोलने में कठिनाई है। उनके अलावा ऐसे व्यक्ति जो मौन उत्पीडऩ के शिकार व मानसिक रोग से पीडि़त लोगों को भी शामिल किया गया है। ऐसे गवाहों की सुरक्षा कोर्ट की बैंच में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड व जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि संवेदनशील व जरूरतमंद गवाहों को किसी भी प्रकार से परेशान नहीं किया जाएगा। ऐसे गवाह जिसकों डराया या धमकाया गया हो या फिर उसे सुरक्षा की आवश्यकता हो, इस बारे में गवाह सुरक्षा योजना 2०18 के अंतर्गत गवाहों की सुरक्षा प्रदान की जाती है। ऐसे गवाह की कोर्ट में गवाही के समय सुरक्षा के विशेष प्रावधान किए गये है ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की मानसिक व सामाजिक उत्पीडऩ न हो और उनकी मानसिक स्थिति का गवाही के पश्चात भी ध्यान रखा जाएगा।
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इस मौके पर प्राधिकरण की सचिव एवं मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी सुश्री रेखा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार गवाहों को गवाही निडर रूप से देने के लिए अलग से अत्याधुनिक गवाह कक्ष बनाने के लिए प्रत्येक जिले में निर्देश दिया गया है। जिला स्तर पर कमेटी का भी प्रावधान किया गया, जिसके लिए इसमें पक्षकारों, वकील, पुलिस व कोर्ट के कर्मचारियों को भी भविष्य में संवेदनशील व जरूरतमंद गवाह आदि के विषय पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण समय-समय पर जागरूक किया जाता रहेगा। इस अवसर पर पैनल अधिवक्ता कर्मबीर सिंह बिशन ने भी इस विषय पर पावर प्र्वाइंट प्रैजेंटेशन के जरिए विस्तृत जानकारी प्रदान की।
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