लखीमपुर रवाना होने से पहले किसानों की चेतावनी, मामले में हो कड़ी कार्रवाई, नहीं तो लेंगे बड़ा फैसला

सोनीपत. दिल्ली की सीमा पर किसानों का आंदोलन करीब 1 साल से ज्यादा समय तक चला और सरकार और किसानों के बीच कुछ मुद्दों को लेकर सहमति बनी, जिसके बाद किसान आंदोलन को स्थगित कर दिया गया. लेकिन किसान आंदोलन के दौरान उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की रैली में हुए हादसे में किसानों की मौत हो गई, जिसके बाद सरकार को आज एक बार फिर संयुक्त किसान मोर्चा ने चेताया कि लखीमपुर खीरी प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो अन्यथा किसान एक बार फिर लखीमपुर खीरी में अपने पक्के मोर्चे लगाएंगे.

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुए प्रकरण के बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी की मांग को लेकर किसान काफी लंबे समय से सरकार पर हमलावर हो रहे हैं और संयुक्त किसान मोर्चा के नेता आज एक बार फिर सोनीपत से लखीमपुर खीरी रवाना हुए. लखीमपुर खीरी रवाना होने से पहले संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने सोनीपत में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किसान नेताओं ने सरकार को चेताया कि लखीमपुर खीरी के पीड़ितों और गवाहों को सरकार टारगेट कर रही है. यह किसान मोर्चा किसी भी तरह से सहन नहीं करेगा.

किसान मोर्चा ने कहा कि पीड़ित परिवारों को लगातार सरकार के अधिकारी धमका रहे हैं और गवाहों को बेवजह टारगेट किया जा रहा है. जिसके चलते आज उनको लखीमपुर खीरी जाना पड़ रहा है. अगर सरकार ने अपनी मंशा साफ नहीं कि तो सरकार के खिलाफ वहां पर पक्के मोर्चे लगाए जाएंगे.

किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल, अभिमन्यु कोहाड़ व अन्य किसान नेताओ ने बताया कि सरकार और सरकार के अधिकारी लखीमपुर प्रकरण के पीड़ितों और दबाव को बेवजह टारगेट कर रहे हैं जिसके चलते संयुक्त किसान मोर्चा ने यह फैसला लिया है. कल लखीमपुर खीरी में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता व कार्यकर्ता पहले तो पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगे और बाद में वह जेल में बंद किसानों से मुलाकात करके उनका हालचाल जानेंगे.

Tags: Haryana Farmers, Haryana news

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