29 मिनट पहलेहरियाणा के रेवाड़ी जिले की साहबी झील में छोड़े जा रहे दूषित पानी के विरोध के बीच अब आरपार की लड़ाई होगी। ग्रामीणों ने साफ कर दिया कि किसी भी कीमत पर दूषित पानी को साहबी झील में नहीं छोड़ने देंगे। इसके लिए ‘साहबी बचाओ संघर्ष समिति’ बनाकर 21 लोगों को शामिल किया गया है।
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दरअसल, झील में दूषित पानी छोड़े जाने से आसपास की जमीन भी बंजर होने की भी संभावना है। झील में रेवाड़ी, धारूहेड़ा और बावल का सीवरेज वाला पानी बिना ट्रीट किए ही नहीं, बल्कि भिवाड़ी व आसपास के औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्री से निकले वाला जहरीला पानी भी छोड़ा जा रहा है।
रेवाड़ी की साहबी झील में गंदा पानी छोड़ने के विरोध में आयोजित महापंचायत।
3 साल से छोड़ा जा रहा गंदा पानी
पिछले 3 साल से जनस्वास्थ्य विभाग की तरफ से रेवाड़ी, बावल और धारूहेड़ा के 6 STP का गंदा पानी बगैर ट्रीट किए ही साहबी झील में छोड़ा जा रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि इस पानी को 100 प्रतिशत ट्रीट करके ही झील में छोड़ा जाए। रविवार को मसानी में हुई 21 गांवों की पंचायत में साहबी झील में गंदा पानी छोड़ने वाले अधिकारियों पर केस दर्ज कर जुर्माना वसूली की भी आवाज उठी।
कानूनी कार्रवाई के लिए एकत्रित होगा चंदा
कमेटी ने निर्णय लिया कि साहबी झील को बचाने के लिए वह हर स्तर पर जंग लड़ने को तैयार हैैं। अगर कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी तो भी पीछे नहीं हटेंगे। इसके लिए हर घर से 100 रुपए चंदा एकत्रित किया जाएगा। विरोध की आवाज को दबने नहीं दिया जाएगा, बल्कि पुरजोर तरीके से प्रशासन के सामने रखा जाएगा।
धारूहेड़ा में STP प्लांट लगाने की तैयारी
औद्योगिक कस्बा धारूहेड़ा में सीवरेज पानी को ट्रीट करने के लिए STP प्लांट लगाने की तैयारी की जा रही है। करीब 6 एकड़ जमीन पर यह प्लांट लगाया जाना है। विभाग के सूत्रों के अनुसार, धारूहेड़ा में जिस जगह गऊशाला बनी है, उसे बंद किया जा सकता है। यहां पर रखी गई गायों को दूसरी गऊशाला में भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे यहां प्लांट लगाया जा सके।
कमेटी द्वारा रखी गई मांगें:
– रेवाड़ी, धारूहेड़ा व बावल के सभी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से शत प्रतिशत ट्रीट किया हुआ पानी ही साहबी बैराज में छोड़ा जाए।
– पिछले तीन साल से साहबी बैराज में दूषित पानी छोड़ने के लिए जिम्मेदार जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जाए और उन पर जुर्माना लगाया जाए।
– अधिकारियों व पंचायत में गठित समिति के सदस्यों की देख-रेख में दूषित पानी के सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेजे जाए।
– जवाहर लाल नेहरू नहर से भी ज्यादा से ज्यादा पानी साहबी बैराज में छोड़ा जाए।
– औद्योगिक क्षेत्र भिवाड़ी, धारूहेड़ा व बावल का दूषित पानी किसी भी सूरत में साहबी बैराज तक न आने दिया जाए और न ही इसके लिए भविष्य में कोई योजना बनाई जाए।