राहत का सफर: रोडवेज को नई 5 बसों की मिली सौगात, 88 बसों के साथ चल रहा डिपो, दो महीने में 10 बसें और आने की संभावना

रोडवेज के करनाल डिपो को नई पांच बसों की सौगात मिल गई है। आगामी दो महीने में 10 और बसें आने संभावना है। फिलहाल करनाल डिपो 88 बसों के साथ चल रहा है, जो सवारियों के हिसाब से बसों की संख्या 50 प्रतिशत से भी ज्यादा कम है। करनाल में रोडवेज बसें कम होने का मुख्य कारण है कि पिछले तीन साल से नई बसों में नई शामिल नहीं हुई।

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बसें कंडम होती गई। इस स्थिति में प्राइवेट बसों को बढ़ावा मिला है। करनाल में जहां रोडवेज के पास 88 बसें हैं, वहीं प्राइवेट भी करीब 80 बसों का संचालन है। रोडवेज में बसों की संख्या कम रहने के कारण ही डेढ़ साल के बाद भी असंध के डिपो का संचालन नहीं हो रहा है। इससे असंध बस स्टैंंड से लंबे रूट्स की बसें नहीं मिलती हैं।

160 से बसों की संख्या 88 रहने से रोडवेज के रोजाना के टाइम मिस हो रहे हैं। सवारियों की प्राथमिकता भी रोडवेज बसें हैं। क्योंकि प्राइवेट बसें निर्धारित टाइम पर सवारियों को नहीं पहुंचा पाती। उदाहरण के तौर पर असंध से करनाल मार्ग पर रोडवेज बस एक घंटे में सफर तय करवा देती है, वहीं पर प्राइवेट बसें उसी रूट्स पर डेढ़ घंटा लगाती है। इससे सवारियों का टाइम बहुत खराब होता है।

इस स्थिति में सवारियों और बस चालक-परिचालक के बीच कई बार में बहस हो जाती है। प्राइवेट बस चालक को जब पीछे से रोडवेज बस आती दिखती है तो स्पीड बढ़ा लेते हैं। इस जल्दबाजी में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, इस पर प्रशासन गंभीरता नहीं दिखा रहा है।

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रोडवेज को बंद करने की साजिश की जा रही है : रोडवेज यूनियन
करनाल में आई नई बसों को करनाल से दिल्ली और दिल्ली से चंडीगढ़ रूटों पर चलाया हुआ है। इसके अलावा हिमाचल, उतराखंड में नई बसों को भेजा रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि करनाल डिपो की बसें दिल्ली बहुत कम जा रही है। इस स्थिति में सवारियों को जीटी रोड से सफर करना पड़ रहा है।

रोडवेज कर्मचारी यूनियन के राज्य उपप्रधान सुरेश लाठर ने बताया कि बसों की संख्या कम करके डिपो को बंद करने की प्रक्रिया चल रही है, जो बहुत गलत है और सवारियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इसी तरह रोडवेज यूनियन नेता संजीव जोली ने कहा कि सरकार के सामने कई बार बसों की बढ़ाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन सरकार गंभीरता नहीं दिखा रही है।

इस साल दर्जनभर बसें और मिलेंगी

​​​​​​​^नई बसों की संख्या बढ़ रही है। इस साल दर्जनभर बसें और आ जाएंगी। बसों की संख्या के अनुसार सवारियों को बेहतर सफर करवाया जा रहा है। जिस रूट्स पर सवारियां अधिक होती हैं और बस नहीं है तो वहां पर स्पेशल बसें चला रहे हैं। कुलदीप सिंह, जीएम, रोडवेज, करनाल।

 

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