संकीर्तन भवन में हुआ संगीतमय श्री रामचरितमानस 108 पाठ
एस• के• मित्तल
सफीदों, श्री हरि संकीर्तन मंडल सफीदों के तत्वाधान में नगर की गुरूद्वारा गली स्थित श्री शिव शक्ति कृपा मंदिर संकीर्तन भवन में चल रहे श्री रामचरितमानस 108 पाठ में रविवार को वेदाचार्य दंडीस्वामी स्वामी निगमबोध तीर्थ महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने दंडीस्वामी निगमबोध तीर्थ महाराज का माल्यार्पण करके उनका आशीर्वाद ग्रहण किया। वहीं पं. तुलसी दास शास्त्रभ्ी व कथावाचक दीपक शर्मा ने संगीतमय श्री रामचरितमानस का पाठ करके सबको निहाल किया।
सफीदों, श्री हरि संकीर्तन मंडल सफीदों के तत्वाधान में नगर की गुरूद्वारा गली स्थित श्री शिव शक्ति कृपा मंदिर संकीर्तन भवन में चल रहे श्री रामचरितमानस 108 पाठ में रविवार को वेदाचार्य दंडीस्वामी स्वामी निगमबोध तीर्थ महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने दंडीस्वामी निगमबोध तीर्थ महाराज का माल्यार्पण करके उनका आशीर्वाद ग्रहण किया। वहीं पं. तुलसी दास शास्त्रभ्ी व कथावाचक दीपक शर्मा ने संगीतमय श्री रामचरितमानस का पाठ करके सबको निहाल किया।
अपने संबोधन में वेदाचार्य दंडीस्वामी निगमबोध तीर्थ महाराज ने कहा कि राम नाम की महिमा अपरंपार है। राम नाम ने हर युग में मनुष्य को भगवान से जुडऩे की प्रेरणा देने का काम किया है। राम खुद कह गए राम से बड़ा राम का नाम। तो जो बात स्वयं राम कह गए वो कैसे गलत हो सकती है। दरअसल, जीवन का आधार ही राम नाम है। उन्होंने कहा कि राम सिर्फ एक नाम नहीं है बल्कि अपने आप में सबसे बड़ा महामंत्र है। राम नाम की महिमा तो ये है की सदाशिव भोले शंकर भी राम नाम जपते रहते हैं। संसार चल ही राम नाम से रहा है। सूर्य, चन्द्रमा, अग्नि, वायु सभी में जो शक्ति है वो सब राम नाम की है। उन्होंने कहा कि राम नाम तो अविनाशी है। दुनिया इधर से उधर हो जाए, सब कुछ बदल जाए पर यह राम नाम ज्यों का त्यों यूं ही सदा बना रहेगा।
राम नाम तो मणिदीप की तरह है जो कभी बुझता ही नहीं है। जैसे दीपक को चौखट पर रख देने से घर के अंदर और बाहर दोनों हिस्से प्रकाशित हो जाते हैं, वैसे ही राम नाम को जपने से अंत:करण और बाहरी आचरण दोनों प्रकाशित हो जाते हैं। जीवन मैं आनंद ही आनंद हो जाता है। सबसे बड़े भक्त बलशाली हनुमान जी भी इसी नाम का हर पल गुणगान किया करते हैं। इसी नाम की ध्वनि से वो खुश होते हैं। उन्होंने कहा कि सत्संग से जीवन में रोशनी मिलती है एकांत में बैठकर हर आदमी को भगवान को याद करना चाहिए। भगवान को हमेशा याद रखने से लोक-परलोक दोनों संवर जाते हैं।